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17 फ़रवरी 2012

यार्न मिलों की मांग घटने से कपास के मूल्य में गिरावट

बिजनेस भास्कर नई दिल्ली

यार्न निर्माताओं की मांग घटने और उत्पादक मंडियों में आवक बढऩे से कपास की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की गिरावट आई है। गुरुवार को अहमदाबाद मंडी शंकर-6 किस्म की कपास का भाव घटकर 35,900 से 36,100 रुपये प्रति कैंडी रह गए। जबकि उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़कर 1.25 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) से ज्यादा की हो गई है।

केसीटी एंड एसोसिएटस के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़ी है जबकि यार्न मिलों के पास स्टॉक होने के कारण मांग कम हुई है। इसीलिए घरेलू बाजार में कपास के दाम घटे हैं। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में दैनिक आवक करीब 30,000 गांठ, गुजरात की मंडियों में 65,000 गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में 35,000 गांठ की हो रही है। परफेक्ट कॉटन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सी. एल. ठक्कर ने बताया कि हाल ही में रुपये के मुकाबले डॉलर नरम हुआ है।

साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतें घटी हैं जिससे निर्यातकों का मार्जिन कम हुआ है। न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मार्च महीने के वायदा अनुबंध में 17 जनवरी को कॉटन का भाव 98.19 सेंट प्रति पाउंड था जबकि 15 फरवरी को इसका भाव घटकर 92.45 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। इससे भी घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में गिरावट को बल मिला है।

कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन 340.87 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2010-11 में उत्पादन 330 लाख गांठ का हुआ था। उधर कॉटन एडवायजरी बोर्ड (सीएबी) ने वर्ष 2011-12 में कपास का उत्पादन 345 लाख गांठ का होने का अनुमान लगाया है। जबकि इस दौरान कपास की घरेलू खपत 260 लाख गांठ होने की संभावना है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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