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06 मार्च 2012

फल-सब्जियों के संकर बीजों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर

आर.एस. राणा बंगलुरू

फल एवं सब्जियों की कीमतों में कमी लाने के लिए कृषि वैज्ञानिक ज्यादा उत्पादकता वाले संकर किस्मों के बीजों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधीन काम कर रहे बंगलुरू स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) ने वित्त वर्ष 2012-13 में बागवानी फसलों के 14,000 किलो ग्राम बीजों के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। वर्ष 2010-11 में 7,786 किलो बीजों का उत्पादन किया था।

आईआईएचआर के डायरेक्टर डॉ. अमरीक सिंह सिद्धू ने बताया कि प्रमाणित बीजों की बढ़ती मांग को देखते हुए संस्थान ने वित्त वर्ष 2012-13 में बागवानी फसलों के संकर बीजों का उत्पादन 14,000 क्विंटल करने का लक्ष्य तय किया है जो पिछले साल से लगभग दोगुना है। सब्जियों की संकर किस्म के बीजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब 55 किसानों से गठजोड़ किया हुआ है जो करीब 100 एकड़ में उत्पादन कर रहे हैं। इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। ढाई एकड़ जमीन में प्याज के बीजों का उत्पादन कर रहे किसान राधाकृष्णन ने बताया कि बीज उत्पादन से उनकी आय में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। ढ़ाई एकड़ से उन्हें 600 किलोग्राम बीज का उत्पादन होने का अनुमान है जिसकी खरीद आईआईएचआर करेगा।

डॉ. सिद्धू ने बताया कि संस्थान संकर किस्म के फल, सब्जियां और अन्य फसलों की 197 किस्में जारी कर चुका है। संस्थान ने हाल ही में सब्जियों में मिर्च की नई किस्म अरका मेघना, टमाटर की अरका रक्षक प्याज की अरका विश्वास जारी की हैं। बीज उत्पादन के लिए जिन किसानों से संस्थान ने गठजोड़ किया है। उनसे प्याज के बीज की खरीद 500 रुपये, भिंडी के बीजों की खरीद 140 रुपये और बीन्स के बीजों की खरीद 80 रुपये प्रति किलो की दर पर की जायेगी।

संस्थान नई तकनीक से पौध उगाने और सब्जियों के उत्पादन के लिए किसानों की सहायता करता है। एकलव्य नर्सरी के मालिक प्रकाश ने बताया कि सब्जियों की पौध उगाने के लिए तीन एकड़ जमीन में पाली हाउस बनाया हुआ है। इसमें टमाटर, गोभी, मिर्च और अन्य सब्जियों की पौध तैयार की जाती है। इससे उन्हें प्रति महीना तीन से चार लाख रुपये की आय हो रही है।

किसान कृष्णा नायक ने बताया कि उन्होंने आईआईएचआर की तकनीक से आधा एकड़ में संकर शिमला मिर्च लगाई हुई है। पिछले साल उन्होंने इससे करीब 20 टन शिमला मिर्च का उत्पादन मिला जिससे उन्हें करीब चार लाख रुपये की आमदनी हुई।(Business Bhaskar......R S Rana)

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