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02 अप्रैल 2012

नेचुरल रबर में निवेश से कमा सकते हैं मुनाफा

टायर उद्योग की बढ़ती मांग को देखते हुए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में पांच से सात फीसदी की और तेजी आने की संभावना है।
नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (एनएमसीई) पर मई महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में नेचुरल रबर की कीमतों में 4.1 फीसदी की तेजी आ चुकी है।
दो मार्च को मई महीने के वायदा अनुबंध में नेचुरल रबर का दाम 19,720 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शुक्रवार को इसका भाव बढ़कर 20,620 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
वित्त वर्ष 2011-12 में टायर उद्योग की मांग 6.15 लाख टन और नॉन टायर उद्योग की 3.62 लाख टन रहने का आर. एस. राणा नई दिल्ली

नेचुरल रबर के उत्पादन का लीन सीजन शुरू हो गया है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम भारत के मुकाबले तेज हैं। फरवरी महीने में नेचुरल रबर का उत्पादन एक फीसदी कम हुआ है जबकि इस दौरान खपत 3.2 फीसदी बढ़ी है।

इसीलिए चालू महीने में घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में 6.9 फीसदी की तेजी आकर शुक्रवार को कोट्टायम में भाव 198-200 रुपये प्रति किलो हो गए। टायर उद्योग की बढ़ती मांग को देखते हुए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में पांच से सात फीसदी की और तेजी आने की संभावना है। ऐसे में वायदा बाजार में निवेशक निवेश करके मुनाफा कमा सकते हैं।
नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (एनएमसीई) पर मई महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में नेचुरल रबर की कीमतों में 4.1 फीसदी की तेजी आ चुकी है।

दो मार्च को मई महीने के वायदा अनुबंध में नेचुरल रबर का दाम 19,720 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शुक्रवार को इसका भाव बढ़कर 20,620 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। ब्रोकिंग फर्म एंजेल कमोडिटी के एग्री विश£ेशक बद्दरूदीन ने बताया कि नेचुरल रबर में टायर उद्योग की मांग अच्छी बनी हुई है जबकि लीन सीजन होने के कारण उत्पादन आगामी महीनों में भी कम रहेगा।

ऐसे में निवेशक मौजूदा कीमतों पर खरीद करके मुनाफा कमा सकते हैं। हरिसंस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने बताया कि लीन सीजन होने के कारण नेचुरल रबर का उत्पादन मांग के मुकाबले कम हो रहा है। फरवरी महीने में नेचुरल रबर का उत्पादन 57,100 टन का ही हुआ है जबकि इस दौरान खपत बढ़कर 80,500 टन की हुई है। इसीलिए कीमतों में तेजी आई है।

29 फरवरी को कोट्टायम में नेचुरल रबर का दाम 184-187 रुपये प्रति किलो था जबकि शुक्रवार को बढ़कर 198-200 रुपये प्रति किलो हो गया। भारत के मुकाबले विदेशी में नेचुरल रबर के दाम ज्यादा होने के कारण आयात भी महंगा पड़ रहा है। वैसे भी केंद्र सरकार ने नेचुरल रबर के आयात पर 20 फीसदी आयात शुल्क लगाया हुआ है। बैंकाक में शुक्रवार को नेचुरल रबर का भाव 201-202 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) रहा।

भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2011-12 की पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान नेचुरल रबर का उत्पादन 4.2 फीसदी बढ़कर 8.41 लाख टन का हुआ है जबकि इस दौरान खपत में 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल खपत 8.80 लाख टन की हुई है। घरेलू बाजार में नेचुरल रबर का कुल स्टॉक भी फरवरी में 2.44 लाख टन का ही रहा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 3.15 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ था।

रबर मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि उत्पादन और मांग के बीच अंतर की भरपाई आयात से पूरी हो रही थी। लेकिन भारत के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में आयात पड़ता महंगा होने का असर घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों पर पड़ रहा है।

विनको ऑटो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एम एल गुप्ता ने बताया कि आयातित एसवीआर-1502 किस्म की रबर की कीमतें नेचुरल रबर के मुकाबले बढ़ गई हैं जिसकी वजह से नेचुरल रबर की खपत में पहले के मुकाबले बढ़ी है।

टायर और नॉन टायर उद्योग की मौजूदा मांग को देखते हुए घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की मौजूदा कीमतों में आठ से दस रुपये प्रति किलो की और तेजी आने की संभावना है। वित्त वर्ष 2011-12 में टायर उद्योग की मांग 6.15 लाख टन और नॉन टायर उद्योग की 3.62 लाख टन रहने का अनुमान है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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