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02 मई 2012

दलहन, तिलहन का बढ़े समर्थन!

अनाज के बजाय तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने इन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की सिफारिश की है। आयोग ने खरीफ सत्र में बोए जाने वाले सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, उड़द और अरहर के एमएसपी में खासा इजाफा करने की सिफारिश की है।
गहन विचार-विमर्श के बाद जारी की गई इन सिफारिशों को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट के पास इन सिफारिशों में बदलाव करने का अधिकार है। आयोग ने चालू विपणन वर्ष के दौरान बिना भूसी के चावल का एमएसपी 15.7 फीसदी बढ़ाकर 1,250 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। धान के एमएसपी में महज 5.5 फीसदी इजाफे की सिफारिश पर सफाई देते हुए आयोग ने कहा कि मांग से ज्यादा आपूर्ति होने की हालत में लागत पर 5.5 फीसदी और व्यय पर 47 फीसदी के मार्जिन को देखते हुए इसके एमएसपी में कुल 15.7 फीसदी का इजाफा किया गया है, जो ठीक है।
कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम भुगतान के अनुसार 2011-12 के दौरान भारत का चावल उत्पादन 7.74 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 10.34 करोड़ टन होने की
उम्मीद है। ज्यादा उत्पादन और खरीद से सरकारी एजेंसियों के गोदाम भरे पड़े हैं।
एक अनुमान के अनुसार 1 अप्रैल तक भारत का अनाज भंडार 5.3 करोड़ टन था, जो बफर और रणनीतिक भंडार नियमों के तहत रखे जाने वाले अनाज की मात्रा से 151 फीसदी ज्यादा है। तिलहन में आयोग ने मूंगफली के एमएसपी में 37 फीसदी, तिल के लिए 23.5 फीसदी, सूरजमुखी के लिए 32 फीसदी और सोयाबीन के लिए 33 फीसदी इजाफा किया है। आयोग ने कहा है कि खाद्य तेलों के आयात पर व्यय देखते हुए इन तिलहनों का एमएसपी सबसे ज्यादा बढ़ाने की दरकार है। हर साल करीब 30,000 करोड़ रुपये मूल्य के खाद्य तेलों का आयात किया जाता है।
एमएसपी इन जिंसों की लागत और उत्पादकों के लिए थोड़ा मार्जिन कवर करता हैं। लेकिन यह देसी और अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव पर भी निर्भर करता है। आयोग ने दलहनों पर भी ध्यान देने की बात कही। कपास के लिए एमएसपी में 28.5 से 18 फीसदी इजाफा करने पर आयोग ने कहा है कि रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद  देश में कपास का भंडार कम है। इसलिए इसका उत्पादन और बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि इस बारे में सीएसीपी के चेयरमैन अशोक गुलाटी से कई बार कोशिश के बावजूद बात नहीं हो पाई। (BS Hindi)

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