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12 मई 2012

ग्वार गम के बाद चने की बारी!

आर.एस. राणा नई दिल्ल
घोटाला तो नही  
इस माह वायदा कारोबार में भाव 14% बढ़े
तेजी रोकने के लिए 20% अतिरिक्त मार्जिन
वृद्धि नहीं थमी तो वायदा पर रोक संभव

ग्वार सीड और ग्वार गम के वायदा कारोबार में अनियमितताएं मिलने के बाद केंद्र सरकार की नजर चने की कीमतों पर है। इस माह एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चने के दाम 13.8 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।

तेजी का यह दौर जारी रहा तो सरकार इसके वायदा पर रोक भी लगा सकती है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) एक्सचेंजों पर चने की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठा रहा है।

आयोग ने 9 मई को 20 फीसदी अतिरिक्त मार्जिन भी लगाया जो गुरुवार से लागू हो गया। अब चना वायदा पर मार्जिन 35 फीसदी हो गया है। उन्होंने बताया कि अगर इसके बाद भी दाम बढ़ते रहे तो चना वायदा कारोबार पर रोक लगाई जा सकती है।

कीमतों की समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी। 28 अप्रैल को जून वायदा अनुबंध में चना 3,873 रुपये था जो गुरुवार को 4,410 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। दिल्ली मंडी में गुरुवार को चने की कीमतें 4,050 से 4,075 रुपये प्रति क्विंटल थीं।

आस्ट्रेलियाई चने का भाव मुंबई पहुंच 4,125 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल था। सप्ताह भर में चना 400 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा महंगा हो चुका है। चालू रबी सीजन के लिए चने का एमएसपी 2,800 रुपये प्रति क्विंटल है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में चने का उत्पादन घटकर 75 लाख टन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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