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19 जून 2012

फ्लोर मिलों के लिए समान नीति बनाने की मांग

पूरे देश में समान भाव पर गेहूं देने से उत्तर भारत की मिलों को नुकसान : उद्योग

उत्तर भारत की फ्लोर मिलों ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत फ्लोर मिलों को गेहूं बिक्री में भाड़ा से छूट देने की योजना का विरोध किया है। उत्तर भारत की फ्लोर मिलों का कहना है कि इससे दूरवर्ती राज्यों खासकर दक्षिणी भारत की फ्लोर मिलों को फायदा मिलेगा जबकि उत्तर भारत की फ्लोर मिलों को भारी नुकसान होगा। उत्तर भारत की मिलों ने मांग की है कि सरकार गेहू बिक्री के लिए इस तरह की नीति अपनाए, जिससे पूरे देश की मिलों को समान लाभ मिले।

गौरतलब है कि उत्तर भारत के राज्यों में ही गेहूं का ज्यादा उत्पादन होता है, इस वजह से यहां की मिलों को फ्लोर मिलों को कम परिवहन खर्च के चलते सस्ते गेहूं का फायदा मिलता है। इससे स्पर्धा लेने में उत्तर भारत की मिलें दक्षिण भारत की मिलों के मुकाबले फायदे में रहती हैं। जबकि भाड़ा में छूट के प्रस्ताव से उत्तर भारत की मिलों का यह लाभ खत्म हो जाएगा।

सरकार ने गेहूं पूरा भाड़ा छूट देकर गेहूं बिक्री करने का प्रस्ताव बनाया है। अभी सरकार गेहूं की कीमत के साथ राज्य की राजधानी का 50 फीसदी भाड़ा जोड़कर तय भाव पर गेहूं की बिक्री करती है।

उत्तर भारत के फ्लोर मिलों ने सरकार से मांग की है कि देशभर की फ्लोर मिलों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसी नीति बनाए, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को भी मिले। कन्फेडरेशन ऑफ रोलर फ्लोर मिल्स के नॉर्दर्न जोन के चेयरमैन राज कुमार गर्ग ने सोमवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि सरकार ओएमएसएस में गेहूं की बिक्री के लिए दीर्घकालिक नीति बनाए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ओएमएसएस में गेहूं की बिक्री एक दाम 1,170 रुपये प्रति क्विंटल पर करने की योजना बनाई है, इससे दक्षिण भारत की मिलों को तो फायदा होगा लेकिन उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की फ्लोर मिलों को भारी घाटा उठाना होगा।

गर्ग ने कहा कि ओएमएसएस के तहत खाद्य मंत्रालय के गेहूं की बिक्री प्रस्ताव से सरकार पर 2,400 रुपये करोड़ की सब्सिडी का भार पड़ेगा। चंडीगढ़ फ्लोर मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद मित्तल ने कहा कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,285 रुपये प्रति क्विंटल से कम दाम पर गेहूं की बिक्री नहीं हो। (Business Bhaskar)

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