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23 जून 2012

औसत बारिश से भी मिलेगी राहत

मौसम विभाग के ताजा अनुमान के जितनी भी बारिश हो जाए तो खेती सुकून में रहेगी। कृषि जानकारों की का कहना है कि बारिश में देरी से खरीफ की बुआई प्रभावित जरूर हुई, पर बहुत नुकसान नहीं हुआ है। अगले माह से अच्छी बारिश का सबसे ज्यादा फायदा धान और सोयाबीन की फसल होगा। कटक के केंद्रीय चावल अनुंसधान संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र कहते हैं कि यह अनुमान सूखाग्रस्त छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और बंगाल के कुछ इलाकों के धान किसानों के लिए वरदान साबित होगा। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने कहा अब तक कम बारिश व इसमें देरी से सोयाबीन को नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि इसकी बुआई जून के अंतिम सप्ताह से शुरू होती है। ऐसे में सामान्य बारिश भी हुई तो सोयाबीन का रकबा 5 से 7 फीसदी बढ़ सकता है। सूरजमुखी, मूंगफली की फसल को भी फायदा होगा। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. के.आर. क्रांति के अनुसार जुलाई-अगस्त में सामान्य व नियमित बारिश कपास के लिए जरूरी होती है। इस अवधि के दौरान बारिश में ज्यादा अंतराल नुकसानदेह होता है। महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में बुआई चल रही है और जल्द ही मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान कर्नाटक, आंध्र में शुरू होने वाली है। लेकिन बीते सत्र में कम दाम मिलने के कारण कपास के रकबे में गिरावट आ सकती है। कानपुर स्थित दलहन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.के. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अरहर की बुआई तो 15 जुलाई के बाद अच्छी मानी है। (BS Hindi)

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