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12 जुलाई 2012

बढ़ेगा रबर का वैश्विक उत्पादन

प्राकृतिक रबर के उत्पादक देशों के संगठन (एएनआरपीसी) की तरफ से रबर का उत्पादन साल 2012-13 में 4.9 फीसदी बढ़कर 109 लाख टन पर पहुंच सकता है। उत्पादन में बढ़ोतरी मुख्य रूप से दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश इंडोनेशिया में उत्पादन में होने वाली उछाल के चलते होगी, जहां 32.6 लाख टन रबर का उत्पादन हो सकता है जबकि मलयेशिया में 10 लाख टन और वियतनाम में 9,15,000 लाख टन रबर का उत्पादन हो सकता है। एएनआरपीसी के 11 सदस्य हैं और इसमें कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलयेशिया, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। ये देश वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक रबर के उत्पादन में करीब 92 फीसदी का योगदान करते हैं। एएनआरपीसी ने साल 2012 के लिए पहले उत्पादन अनुमान जनवरी में अनुमानित 104.2 लाख टन से घटाकर 100 लाख टन कर दिया था। यह पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में हुए उत्पादन पर आधारित था, जो 9.5 फीसदी लुढ़क गया क्योंकि गिरती कीमतों को देखते हुए थाईलैंड व मलयेशिया के किसानों ने टैपिंग का काम धीमा कर दिया था। इन देशों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इस बीच, वैश्विक उत्पादन की सबसे बड़ी चिंता इसकी गिरती कीमतों को लेकर है। पिछले कुछ हफ्तों में वैश्विक कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है और बैंकॉक के बाजार में बुधवार को इसकी कीमतें 176 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि पिछले बुधवार को यह 180 रुपये प्रति किलोग्राम था। भारत में भी इसकी कीमतें फिसल रही हैं और यहां आरएसएस-4 की कीमतें 187 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। विश्लेषकों को लगता है कि चीन व भारत जैसे बड़े उपभोक्ता देशों में नरमी के बावजूद आने वाले महीनों में इसकी कीमतों में तेजी आ सकती है। इन दोनों देशों में इस साल मांग स्थिर रहने की उम्मीद है। पश्चिम एशिया, ब्राजील और रूस जैसे उभरते हुए बाजारों की मांग से भी कीमतों को समर्थन मिलेगा। आपूर्ति पर नजर डालें तो सबसे बड़े उत्पादक देश थाईलैंड में भारी बारिश के चलते टैपिंग का काम बाधित हुआ है और आपूर्ति धीमी पड़ गई है। इस बीच, मलयेशिया व इंडोनेशिया में रबर का उत्पादन बढ़ रहा है और इस वजह से थाईलैंड में घटते उत्पादन की भरपाई काफी हद तक हो सकती है। देश में घटा उत्पादन रबर बोर्ड के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2012-13 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में उत्पादन 1.7 फीसदी घटकर 1,72,700 लाख टन रह गया है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 1,75,700 टन रबर का उत्पादन हुआ था। वहीं कुल खपत 2.46 लाख टन हो गई है जो पिछले साल की समान अवधि के 2,43,215 टन के मुकाबले 1.1 फीसदी ज्यादा है। पहली तिमाही में आयात में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है और कुल आयात 21,189 टन रहा है जबकि पिछले साल यह 19,118 टन था। इससे संकेत मिलता है कि इस वित्त वर्ष में रबर का रिकॉर्ड आयात होगा। वैश्विक बाजार में रबर की कम कीमतों के चलते भी आयात पर सकारात्मक असर पड़ेगा। साल 2011-12 में कुल 2,05,433 टन रबर का आयात हुआ था और इस वित्त वर्ष में यह 2.50 लाख टन को पार कर सकता है। अप्रैल-जून की अवधि में निर्यात घटकर 2611 टन रह गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 9803 टन था। (BS Hindi)

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