कुल पेज दृश्य

25 जुलाई 2012

खाद्यान्न निर्यात पर नजर

आर.एस. राणा नई दिल्ल क्या करेगी समिति चीनी, चावल, गेहूं, मक्का और कपास के निर्यात पर रखेगी नजर घरेलू बाजार में अनाज उपलब्धता को भी ध्यान में रखेगी समिति कितना उत्पादन 2011-12 में रिकॉर्ड 25.74 करोड़ टन का खाद्यान्न उत्पादन चीनी का उत्पादन नए पेराई सीजन में घटकर 250 लाख टन रहने का अनुमान, चालू सीजन में 260 लाख टन का उत्पादन सूखे की आहट को भांप केंद्र सरकार ने बढ़ा दी है अपनी सक्रियता चालू खरीफ सीजन में सूखे की आहट को भांप कर केंद्र सरकार ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने खाद्यान्न निर्यात पर नजर रखने के लिए सचिवों की समिति का गठन किया है। समिति चीनी, चावल, गेहूं, मक्का और कपास के निर्यात पर तो नजर रखेगी ही, इसके साथ ही घरेलू बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता को भी ध्यान में रखेगी। खाद्यान्न की कीमतों में आई तेजी से निपटने के लिए मंगलवार को खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के वी थॉमस ने मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से बैठक की। उपभोक्ता मामला मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में महीने भर में गेहूं, चावल, चीनी, मक्का और कपास की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है, इसलिए सरकार ने चार सचिवों की समिति का गठन किया है। गठित की गई समिति में खाद्य सचिव, उपभोक्ता मामला सचिव, कृषि सचिव और वाणिज्य सचिव को शामिल किया गया है। चालू सप्ताह में गठित की गई समिति की बैठक होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि समिति घरेलू बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ-साथ अभी तक हुए निर्यात की स्थिति की भी समीक्षा करेगी। घरेलू बाजार में महीने भर में चीनी की थोक कीमतों में करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में मंगलवार को चीनी का दाम बढ़कर 3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसी तरह मक्का की कीमतों में भी इस दौरान 400 रुपये की तेजी आकर भाव 1400-1450 रुपये, गेहूं की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आकर भाव 1350 रुपये और परमल सेला चावल की कीमतों में 400 रुपये की तेजी आकर भाव 2600 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास की कीमतें 32,700-33,000 रुपये से बढ़कर 37,500-37,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी में 356 किलो) हो गईं। सरकार ने सितंबर 2011 में गैर बासमती चावल और गेहूं के निर्यात पर लगी रोक को हटाया था। उसके बाद से अभी तक तकरीबन 53 लाख टन गैर बासमती चावल और 18 लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका है। चालू मक्का सीजन में अभी तक तकरीबन 27 लाख टन का निर्यात हो गया है। कपास का निर्यात भी लगभग 115 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) का हो चुका है। केंद्रीय पूल में पहली जुलाई को गेहूं और चावल का क्रमश: 498 और 307 लाख टन का बंपर स्टॉक मौजूद था। उधर, खरीफ सीजन में मक्का की बुवाई प्रभावित हुई है। गन्ने की बुवाई ज्यादा होने के बावजूद चीनी उत्पादन पिछले साल के 260 लाख टन से घटकर 250 लाख टन रह जाने का अनुमान है। मानसूनी बारिश की कमी के चलते इस साल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2011-12 के 25.74 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन से कम रहने की आशंका है। (Business Bhaskar.........R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: