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31 जुलाई 2012

सूखे पर मंत्रि समूह की बैठक आज, बनेगी रणनीति

नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम मॉनसून में सुधार की धीमी रफ्तार के बाद देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात देखते हुए किसी भी असामान्य स्थिति से निपटने की रणनीति बनाने के लिए गठित अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह की पहली बैठक आज होगी. सरकार को सूखे कि फिक्र सताने लगी है. आज कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में सूखे पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक होगी जिसमें कुछ राज्यों में सूखे जैसे हालात से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी. भारत में अभी तक 21 प्रतिशत कम बारिश हुई है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के पश्चिमी इलाके में हालात सबसे खराब हैं. इससे पहले पवार ने कहा था कि अगर अगले दो महीनों में भी बारिश का यही हाल रहा तो गंभीर समस्याएं खड़ी हो जाएंगी. पवार के मुताबिक, "सबकुछ अगस्त और सितंबर महीने में बारिश के लौटने पर निर्भर करता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हालात गंभीर होंगे. देश में खेती बाड़ी के लिहाज से मानसून की बारिश बहुत महत्वपूर्ण है. इस साल बारिश अच्छी नहीं हुई है." पवार की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह में गृह मंत्री पी चिदंबरम, ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे, पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी, शहरी विकास मंत्री कमल नाथ, जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल भी ईजीओएम में शामिल हैं. मंत्रिसमूह कम बारिश वाले राज्यों के जलाशयों में पानी के स्तर, खरीफ फसलों की स्थिति, पेयजल की आपूर्ति और चारे की उपलब्धता की समीक्षा करेगा. इसके अलावा खाद्यान्न की उपलब्धता और राज्यों की बिजली और डीजल पर सब्सिडी की मांग पर भी चर्चा होने की संभावना है. साल 2009 में देश को पिछले 30 साल में सूखे के सबसे खराब दौर से गुजरना पड़ा था (ABP News)

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