कुल पेज दृश्य

25 जुलाई 2012

भारतीय बंदरगाहों पर गेहूं व मक्का की लदान में देरी

भारतीय बंदरगाहों पर अत्यधिक व्यस्तता होने के कारण एशिया व अफ्रीका के तमाम देशों को मक्का और चावल के निर्यात में देरी हो रही है। जबकि अमेरिका में सूखे के कारण विश्व बाजार में खाद्यान्न के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। इन हालातों में खाद्यान्न की किल्लत पैदा होने की आशंका हो रही है। व्यापारियों और बंदरगाहों के अधिकारियों ने बताया कि भारत के पूर्वी बंदरगाहों पर जहाजों को लदान के लिए 25 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। इससे एशिया और अफ्रीका की मिलों को अनाज की सप्लाई में देरी हो रही है। ये मिले दक्षिण एशिया की सप्लाई पर अत्यधिक निर्भर हैं क्योंकि अमेरिका व दक्षिण अमेरिका से अनाज की सप्लाई सीमित हो गई है। सिंगापुर के एक व्यापारी ने बताया कि विजाग और काकीनाड़ा पोर्ट पर व्यस्तता काफी ज्यादा है और जहाजों को लदान के लिए 20 से 25 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। सप्लाई की कमी झेल रहे खरीदारों के लिए यह बड़ी समस्या है। अमेरिका का अगले महीने की डिलीवरी का गेहूं वायदा इस सप्ताह के दौरान करीब 11 फीसदी बढ़ चुका है। पिछले पांच सप्ताह से लगातार गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं। इस सप्ताह मक्का के मूल्य में 8 फीसदी बढ़त हुई है। मक्का के भाव अमेरिका से सूखे के कारण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। विजाग पोर्ट पर बर्थ की संख्या काफी कम है, इस वजह से लदान में देरी हो रही है। काकीनाड़ा पोर्ट पर लदान नौकाओं की कमी है। शुक्रवार को काकीनाड़ा पोर्ट पर 22 जहाज मक्का व गेहूं की लदान के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे। सिंगापुर के एक अन्य व्यापारी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों पर लदान की गति बहुत धीमी है। यहां की मानसूनी बारिश से हालात खराब ही होंगे। दूसरी ओर भारतीय निर्यातक इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम को मक्का का निर्यात कर रहे हैं। सूखे से विदेश में गेहूं व मक्का महंगा नई दिल्ली अमेरिका और समूचे रूस क्षेत्र में सूखे का मौसम होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन सप्ताह के दौरान गेहूं के भाव 21 फीसदी बढ़कर 347 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। गेहूं के दाम बढऩे से भारत को फायदा होगा। भारत में प्राइवेट स्तर पर पिछले सितंबर से गेहूं का निर्यात हो रहा है। हाल में सरकार ने अपने गोदामों से 20 लाख टन गेहूं निर्यात करने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर (एफएओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पिछले तीन सप्ताह में गेहूं के भाव 21 फीसदी बढ़े हैं। बैंचमार्क अमेरिकी गेहूं का एफओबी भाव बढ़कर 347 डॉलर प्रति टन हो गया। पिछले जुला 2011 के मुकाबले गेहूं का भाव करीब 13 फीसदी ज्यादा है। हालांकि मार्च 2008 के मुकाबले भाव अभी भी कम है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: