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27 अगस्त 2012

बढ़ती मांग से चने में तेजी के आसार

हाजिर बाजार में चने की मांग लगातार बढ़ रही है और चालू सत्र में इसकी फसल कमजोर है। इस कारण देश की प्रमुख मंडियों में चने की आपूर्ति घट रही है, जिससे जल्द ही इसके भाव चढ़ सकते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से चने की कीमतें स्थिर थीं, लेकिन आपूर्ति कमजोर रहने के कारण अब इसमें इजाफा होने लगा है। इसके हाजिर भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल और वायदा भाव 4,285 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। पिछले एक महीने में ज्यादातर कृषि जिंसों की कीमतें गिरी हैं, लेकिन इसी दौरान चने के हाजिर और वायदा भाव 4 फीसदी उछले हैं। कारोबारियों के मुताबिक मिलों की ओर से खरीदारी बढऩे और राजस्थान तथा गुजरात से आवक कम होने के कारण चना महंगा हो रहा है। कृषि मंत्रालय के बुआई के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल चने का उत्पादन कम रह सकता है। इसी वजह से चना सटोरियों का लाड़ला बन गया है। सरकार के चौथे अग्रिल फसल अनुमान के मुताबिक 75.8 लाख टन चना उत्पादन की उम्मीद है, जबकि पिछले साल देश में 82.2 लाख टन चने का उत्पादन हुआ था। मंत्रालय के ताजा आंकड़े खरीफ के चालू सत्र में दलहन फसलों के रकबे में 21.5 फीसदी कमी बता रहे हैं। अभी तक 85.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन फसलों की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 17 अगस्त तक आंकड़ा 97.38 लाख हेक्टेयर था। बाजार विशेषज्ञ भी चने की मजबूती की बात कह रहे हैं। ऐंजल कमोडिटीज की वेदिका नार्वेकर कहती हैं कि चने की कीमतों में गिरावट तो आ ही नहीं सकती क्योंकि उत्पादन कम होगा। कुछ दिन तक उन्हें चने में तेजी के आसार दिख रहे हैं और आगे खरीफ के उत्पादन आंकड़े ही इसकी चाल तय करेंगे। कोटक कमोडिटी के फैयाज हुदायनी के मुताबिक भी चने की कीमतें बढऩा तय है क्योंकि बाजार में मांग ज्यादा है और आवक कम। (BS Hindi)

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