कुल पेज दृश्य

04 अगस्त 2012

सरकार के नए कदम से महंगे होंगे खाद्य तेल

पामोलीन तेल आयात महंगा होगा तो दूसरे खाद्य तेलों के भी दाम बढेंग़े कितना असर पड़ेगा २.५ प्रति लीटर ज्यादा आयात शुल्क लगने से पाम तेल महंगा पड़ेगा ४८४ डॉलर प्रति टन टैरिफ वैल्यू पर 7.5' आयात शुल्क लग रहा था १,०५३ डॉलर टैरिफ वैल्यू पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगेगा अब ४३ डॉलर प्रति टन ज्यादा आयात शुल्क लगेगा पामोलीन आयात पर उद्योग की खातिर पिछले कुछ वर्षों में आरबीडी पामोलीन का तेल सस्ता पडऩे के कारण इसका आयात ज्यादा हो रहा था। इस वजह से रिफाइनिंग करने वाले उद्योग प्रतिस्पर्धा के चलते कीमत बढ़ा नहीं पा रहे थे। अब वे मूल्य बढ़ाकर अपना मार्जिन सुधार सकेंगे। सोने व चांदी की टैरिफ वैल्यू में बढ़ोतरी नई दिल्ली केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के टैरिफ वैल्यू में बढ़ोतरी कर दी है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सोने पर टैरिफ वैल्यू 526 डॉलर प्रति 10 ग्राम के आधार पर लगेगा। जुलाई में सोने पर टैरिफ वैल्यू 506 डॉलर प्रति दस ग्राम के आधार पर लग रहा था। इसी तरह से सरकार ने चांदी के टैरिफ वैल्यू को 866 डॉलर प्रति किलो से बढ़कर 898 डॉलर प्रति किलो के आधार पर कर दिया है। पीतल स्क्रैप पर टैरिफ वैल्यू को सरकार ने 4,090 डॉलर से घटाकर 4,044 डॉलर प्रति टन कर दिया है। सरकार ने रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क लगाने के लिए इसकी टैरिफ वैल्यू बढ़ाकर दोगुनी से ज्यादा कर दी है। अभी तक रिफाइंड पाम तेल पर 484 डॉलर प्रति टन टैरिफ वैल्यू पर आयात शुल्क लगता था लेकिन अब इस 1053 डॉलर प्रति टन टैरिफ वैल्यू पर आयात शुल्क लगेगा। इससे आयातित रिफाइंड पाम तेल करीब 2.5 रुपये प्रति लीटर महंगा पड़ेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) की एक अधिसूचना में कहा गया है कि रिफाइंड, ब्लीच्ड एंड डियोडोराइज्ड (आरबीडी) पामोलीन तेल की टैरिफ वैल्यू 1053 डॉलर प्रति टन होगा। इस तरह 7.5 फीसदी आयात शुल्क के रूप में 42.68 डॉलर प्रति टन ज्यादा आयात शुल्क लगेगा। इसके कारण पामोलीन तेल आयात करीब 2350 रुपये प्रति टन (2.35 रुपये प्रति किलो) महंगा पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को पाम तेल समेत सभी खाद्य तेल महंगे मिलेंगे। पिछले माह आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने आरबीडी पामोलीन तेल की टैरिफ वैल्यू डिफ्रीज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही टैरिफ वैल्यू वैश्विक बाजार मूल्य के साथ जोडऩे का रास्ता साफ हो गया। सरकार ने जुलाई 2006 में उपभोक्ताओं को खाद्य तेलों की महंगाई से राहत देने के लिए पामोलीन तेल की टैरिफ वैल्यू 484 डॉलर प्रति टन पर फ्रीज कर दी थी। तब से इसकी टैरिफ वैल्यू में कोई बदलाव नहीं किया गया। वैश्विक बााजार में पामोलीन तेल के भाव 1,000 डॉलर प्रति टन के ऊपर पहुंच गए। लेकिन टैरिफ वैल्यू में बदलाव न होने से उपभोक्ताओं को पाम तेल थोड़ा सस्ता मिल रहा था। टैरिफ वैल्यू बढऩे के बाद आयातकों को 1053 डॉलर प्रति टन पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क अदा करना होगा। अभी तक उन्हें 484 डॉलर प्रति टन टैरिफ वैल्यू पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क देना पड़ रहा था। इस वजह से आयातित पामोलीन तेल करीब 2350 रुपये प्रति टन सस्ता पड़ रहा था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इससे आरबीडी पामोलीन का तेल सस्ता पडऩे के कारण इसका आयात ज्यादा हो रहा था। इस वजह से क्रूड पाम तेल आयात करके रिफाइनिंग करने वाले उद्योग प्रतिस्पर्धा के चलते कीमत बढ़ा नहीं पा रहे थे। दूसरी ओर इंडोनेशिया ने रिफाइंड पाम तेल पर निर्यात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया था। इससे भी भारतीय रिफाइनिंग उद्योग पर दबाव पड़ रहा था। नवंबर 2011 से अप्रैल 2012 के बीच देश में 9.19 लाख टन पामोलीन तेल का आयात किया गया जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.87 लाख टन तेल का आयात किया गया था। इस तरह इसमें 88.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि क्रूड पाम तेल आयात के मुकाबले यह फिर भी काफी कम था। नवंबर 2011 से अप्रैल 2012 के बीच क्रूड पाम तेल आयात 24.93 टन रहा। जबकि पिछले साल समान अवधि में 21.72 लाख टन क्रूड पाम तेल आयात हुआ था। इस तरह इसमें बढ़ोतरी 14.8 फीसदी रही। भारत अपनी घरेलू खपत के मुकाबले 50 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेल आयात करता है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: