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15 सितंबर 2012

बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रतिशत विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी

केंद्र सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश (एफडीआई) को 14 सितंबर 2012 को मंजूरी दी. साथ ही केंद्र सरकार ने वैश्विक खुदरा कंपनियों को दुकान खोलने की अनुमति देने का काम राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में 50 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश पर स्थानीय फर्मों से सामान खरीदने के नियम में भी बदलाव किया. मौजूदा नियम के अनुसार कोई कंपनी अगर स्थानीय उद्योगों से 30 प्रतिशत सामान खरीदने की अनिवार्यता से छूट चाहती है तो उन्हें भारत में विनिर्माण संयंत्र लगाना होगा. विदित हो कि नवंबर 2011 में सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी, लेकिन संप्रग सहयोगी तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के विरोध के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था. रिटेल एफडीआई की मंजूरी से इंडस्ट्री खुश कैबिनेट ने मल्टीब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि एफडीआई को लागू करना या ना करना राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा। आनंद शर्मा का कहना है कि जो राज्य कृषि पर ज्यादा निर्भर हैं, वो एफडीआई के पक्ष में हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य एफडीआई का विरोध कर रहे हैं। मल्टीब्रैंड रिटेल एफडीआई नियमों के तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में ही स्टोर शुरू करने की इजाजत होगी। कंपनियों को निवेश का 50 फीसदी हिस्सा बैक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर में लगाना जरूरी होगा। मल्टीब्रैंड रिटेल में आने वाली विदेशी कंपनियों को कम से कम 10 करोड़ डॉलर पूंजी लगानी होगी, जिसमें से 50 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाकों में निवेश किया जाएगा। मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी मिलने से पैंटालून रिटेल, ट्रेंट, शॉपर्स स्टॉप जैसी कंपनियों को फायदा होगा। फिक्की का कहना है कि इस फैसले के लिए 3 साल से इंतजार किया जा रहा था और उम्मीद है कि आगे कोई अड़चने नहीं आएंगी। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि आम सहमति से सारे फैसले लिए गए हैं और इन्हें वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था दबाव में है और तेल के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। देश का व्यापार घाटा भी बढ़ रहा है ऐसे में ये फैसले बेहद जरूरी थे। लिहाजा सरकार के फैसलों पर राजनीति करने का समय नहीं है। राजनीतिक दलों को समस्याओं का हल बताना चाहिए ना कि फैसलों का विरोध करना चाहिए। आनंद शर्मा का कहना है कि ममता बनर्जी के दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार ने मजबूरी में डीजल के दाम बढ़ाएं हैं। साथ ही जो दूसरे फैसले लिए गए हैं वो देशहित में लिए गए हैं। मल्टीब्रैंड रिटेल के फैसले से किसानों को जरूर फायदा होगा। वहीं मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिए लागू किया गया है। सरकार की इन सभी फैसलों पर सर्वसम्मति की बजाए आम सहमति बनाने की कोशिश रहेगी क्योंकि कुछ लोग विरोध में ही रहेंगे। सरकार के फैसले से इंडस्ट्री काफी खुश है। सीआईआई के प्रेसिडेंट अदि गोदरेज के मुताबिक सरकार अगर और अहम फैसले ले तो, साल के अंत तक 8-9 फीसदी ग्रोथ रेट पाई जा सकती है। उधर महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि सुधारों के सूखे से हम दावत में आ गए हैं। सरकार ने अपना हौसला पा लिया है और हमारी विनती है कि वो इस रास्ते पर बनी रहे। मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी देने के फैसले से विदेशी रिटेल कंपनियां बहुत खुश हैं। वॉलमार्ट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राज जैन का मानना है कि इससे रिटेलर को तो फायदा होगा ही, साथ ही पूरी इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी। घरेलू रिटेल कंपनियों और जानकारों का भी मानना है कि इस फैसले के बाद धीरे-धीरे रिटेल सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राजन मित्तल का कहना है कि रिटेल में एफडीआई से सभी को फायदा होगा। रिटेल में एफडीआई से भारत में टेक्नोलॉजी और निवेश बढ़ेगा। रिटेल में एफडीआई से सप्लाई चेन सुधरेगी, किसानों को फायदा होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा। मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी मिलने से रिटेल सेक्टर से जुड़े लोग बहुत खुश हैं। उनका मानना है कि इससे धीरे-धीरे इस सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। शॉपर्स स्टॉप के मैनेजिंग डायरेक्टर गोविंद श्रीखंडे ने कहा है कि सरकार ने हिम्मत करके आखिर मल्टीब्रैंड में एफडीआई को मंजूरी दे ही दी। उनके मुताबिक एकदम से नहीं लेकिन धीरे-धीरे इस सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। नेशनल कमेटी ऑन मार्केटिंग के चेयरमैन थॉमस वर्गीज ने मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी को बड़ा फैसला बताया है। और कहा कि इससे इंडस्ट्री के साथ किसानों को भी बेहतर कीमत मिल पाएंगे और साथ ही रोजगार के ढ़ेरों मौके होंगे। टेक्नोपैक एडवाइजर्स के अरविंद सिंघल ने कहा है कि मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई सहित कई बड़े फैसलों से विदेशी निवेशकों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा। और विदेशी निवेशक इसे काफी पॉजिटिव लेंगे, और आने वाले दिनों में बड़े विदेशी निवेश देखने को मिल सकते हैं। बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला के मुताबिक सरकार का कदम काफी अच्छा है। रिटेल में एफडीआई खुलने से विदेशी कंपनियों का सेक्टर में रुझान बढ़ेगा। भारती ग्रुप के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा है कि सरकार ने दिखा दिया है कि उसके एजेंडे में रिफॉर्म अब पीछे नहीं है। इससे देश में निवेश का माहौल सुधरेगा। टीवीएस मोटर के वेणु श्रीनिवासन का मानना है कि आनंद शर्मा और पी चिदंबरम रिफॉर्म के नए चेहरे बनकर उभरे हैं। रिटेल में एफडीआई से ही किसानों को फसल की सही कीमत मिलेगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सरकार इन फैसलों को वापस नहीं लेगी। (Moneycantrol.com)

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