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10 सितंबर 2012

भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन का निधन

भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन का 9 सितंबर 2012 को निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे. वर्ष 1965 में वर्गीज कुरियन को रैमन मैग्सैसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के संस्थापक अध्यक्ष वर्गीज की अगुवाई में ऑपरेशन फ्लड शुरू हुआ था. वर्गीज कुरियन का पेशेवर जीवन किसानों के सशक्तिकरण को समर्पित था. डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने वर्ष 1973 में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) की स्थापना की थी. गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) अमूल नाम से डेयरी प्रॉडक्ट बनाता है. 11 हजार से अधिक गांवों के 20 लाख से अधिक किसानों की सदस्यता वाली जीसीएमएमएफ ने सहकारिता के क्षेत्र में दूध और उसके अन्य प्रॉडक्टों के लिए एक इतिहास रचा है. वर्गीज कुरियन को कई अवार्ड्स से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्मभूषण, पद्मविभूषण, पद्मश्री और रैमन मैग्सैसे अवार्ड भी शामिल थे. वर्ष 1976 में श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फिल्म मंथन अमूल ब्रांड के बनने की तथ्य मिश्रित काल्पनिक कहानी है. फिल्म मंथन की कहानी श्याम बेनेगल और डॉ कूरियन ने मिलकर लिखी. वर्गीज कुरियन के परिवार में पत्नी मॉली कुरियन और पुत्री निर्मला हैं. वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल में हुआ था. (Jagran)

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