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20 सितंबर 2012

महंगी हो सकती है राशन की चीनी

महंगाई की मार झेल रहे लोगों को चीनी की मिठास में भी कड़वाहट मिल सकती है। राशन की दुकानों के जरिए वितरित की जाने वाली चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी सरकार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) शुक्रवार को कोटे की चीनी महंगी करने का फैसला ले सकती है। यदि ऐसा होता है तो करीब एक दशक में पीडीएस के जरिए बांटी जाने वाली चीनी की कीमत में यह पहली बढ़ोतरी होगी। राशन की दुकानों के जरिए सरकार फिलहाल करीब 27 लाख टन चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से हर साल बांटती है। खाद्य मंत्रालय ने सीसीईए को लिखे पत्र में हालांकि यह सिफारिश नहीं की है कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जानी है उसने यह काम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल पर छोड़ा है। हालांकि मंत्रालय ने कहा है कि यदि कीमतों को बढ़ाकर 25.37 रुपये प्रति किलो की जाती है तो सरकार को लेवी शुगर पर किसी तरह की सब्सिडी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।लेवी प्रावधानों के तहत शुगर मिल्स को कुल उत्पादित चीनी का 10 फीसदी सरकार को राशन की दुकानों के जरिए वितरण के लिए सस्ती दर पर देना होता है। (Business bahskar)

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