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25 सितंबर 2012

इस साल कम रहेगा खाद्यान्न का उत्पादन

अगस्त और सितंबर के दौरान मॉनसून में तेजी आने के बावजूद 2012-13 सत्र के लिए देश के खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में 9.8 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। इससे मुद्रास्फीति में नरमी आने की उम्मीद घट गई हैं। 2012-13 सत्र के लिए खरीफ उत्पादन 11.78 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल की समान अवधि में उत्पादन करीब 13 करोड़ टन था। आज जारी 2012-13 के खरीफ उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार अरहर और सोयाबीन को छोड़ दिया जाए, तो प्रत्येक खरीफ फसल के उत्पादन में गिरावट आएगी। इसकी वजह असमान बारिश बताई गई है। हालांकि अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि खरीफ उत्पादन में आई गिरावट की भरपाई रबी फसल के ज्यादा उत्पादन से हो जाएगी। अगस्त और सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण रबी उत्पादन में तेजी आने के अनुमान जताए जा रहे हैं। अनुमान के अनुसार चावल का उत्पादन 6.48 फीसदी घटकर 8.56 करोड़ टन रहने की आशंका है जबकि मोटे अनाज का उत्पादन 18.28 फीसदी की गिरावट के साथ 2.63 करोड़ टन रह सकता है। खरीफ सत्र में दलहन का उत्पादन 14.61 फीसदी घटकर 52.6 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि 9.62 फीसदी की गिरावट के साथ तिलहन का उत्पादन 1.89 करोड़ करोड़ टन रहने की आशंका है। केयर रेटिंग एजेंसी के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं, 'अगले कुछ महीनों तक खाद्य मुद्रास्फीति 9-10 फीसदी के स्तर पर बरकरार रहेगी क्योंकि खरीफ फसल के आने से कुछ जिंसों के दाम में गिरावट आने की उम्मीद नहीं है।' अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई 9.14 फीसदी रही, जो जुलाई में 10.06 फीसदी थी। आंकड़े जारी करने के बाद कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा, 'बारिश में देरी होने के कारण मॉनसून केा लेकर अनिश्चितता थी। इसलिए हमारे अनुमान पिछले साल के मुकाबले कम हो सकते हैं लेकिन ये उम्मीद से ज्यादा हैं।' उन्होंने कहा, 'खरीफ सत्र में खाद्यान्न में जो भी कमी आई है उसकी भरपाई रबी सत्र में कर ली जाएगी।' आंकड़ों के अनुसार कपास का उत्पादन 5.1 फीसदी घटकर 3.34 करोड़ गांठ और गन्ने का उत्पादन 6.2 फीसदी घटकर 33.53 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जूट का उत्पादन भी 8.13 फीसदी गिरकर 1.06 करोड़ गांठ रहने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे ज्यादा चिंता की बात दलहन और तिलहन के उत्पादन में आने वाली गिरावट है क्योंकि इससे आयात पर निर्भरता बढ़ जाएगी। भारत हर साल खाद्य तेल खपत का 50 फीसदी से ज्यादा आयात करता है जबकि दलहन का आयात 15 से 20 लाख टन रहता है। खरीफ की बुआई लगभग समाप्त हो चुकी है और अगले महीने से इसकी कटाई शुरू हो जाएगी। (BS Hindi)

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