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01 सितंबर 2012

धान, तिलहन व कपास की बुवाई सुधरी

मानसून सक्रिय होने से ज्यादातर फसलों की बुवाई तेज हो गई अगस्त महीने में मानसूनी बारिश में तेजी आने से खरीफ फसलों धान, तिलहन और कपास के बुवाई क्षेत्रफल में सुधार हुआ है। साथ ही मोटे अनाज और दलहन की बुवाई के अंतर में भी पहले की तुलना में कमी आई है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार खरीफ में धान की बुवाई 347.10 लाख हैक्टेयर में, तिलहनों की बुवाई 167.15 लाख हैक्टेयर में और कपास की बुवाई 112.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार जून-जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में बारिश में सुधार हुआ है। आईएमडी के अनुसार पहली जून से 30 अगस्त तक देशभर में सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश हुई है। अगस्त महीने के शुरू में जहां मोटे अनाजों की बुवाई 16.2 फीसदी और दलहन की 16.8 फीसदी पिछड़ रही थी। वहीं शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले मोटे अनाजों की बुवाई में 13.1 फीसदी और दलहन की 6.2 फीसदी तथा तिलहनों की बुवाई 4.4 फीसदी की कमी है। चालू खरीफ में अभी तक मोटे अनाजों की बुवाई 167.87 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 193.37 लाख हैक्टेयर में हुई थी। दलहन की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 97.70 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 104.18 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों की बुवाई पिछले साल इस समय तक 174.86 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी जबकि चालू खरीफ में इनकी बुवाई अभी तक 167.15 लाख हैक्टेयर में हुई है। कपास की बुवाई भी चालू खरीफ में अभी तक 112.83 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 118.37 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। गन्ना की बुवाई चालू खरीफ में पिछले साल के 50.63 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 52.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। (Business Bhaskar)

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