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04 सितंबर 2012

किसानों को ब्याज में राहत का प्रस्ताव

सूखा प्रभावित किसानों को फसली कर्ज की ब्याज दर में राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार सूखा प्रभावित किसानों के लिए ब्याज दर 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने पर विचार कर रही है। ऐसे किसानों के फसली कर्ज को सावधिक कर्ज (टर्म लोन) में तब्दील कर दिया गया है, जिससे उन पर कर्ज लौटाने का दबाव न रहे। प्रभावित किसानों को ब्याज में रियायत देने के लिए कृषि मंत्रालय ने एक प्रस्ताव बनाकर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह (ईजीओएम) के पास विचार के लिए भेजा है। कृषि मंत्री शरद पवार की अगुवाई वाले ईजीओएम की बैठक जल्दी ही होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि ईजीओएम के लिए तैयार प्रस्तावों में एक प्रमुख प्रस्ताव फसली कर्ज पर ब्याज दर में राहत देने का है। खासकर सूखा प्रभावित राज्यों के किसानों को राहत देने का प्रस्ताव है। इस समय किसानों को 7 फीसदी ब्याज दर पर फसली कर्ज दिया जाता है। सूखा जैसी प्राकृतिक आपदा आने पर फसली कर्ज स्वत: ही सावधिक कर्ज में तब्दील हो जाता है और किसानों को यह कर्ज लौटाने के लिए तीन वर्ष का समय मिल जाता है। लेकिन सावधिक कर्ज में तब्दील होने पर इस पर 12 फीसदी ब्याज लगने लगता है। (Business Bhaskar)

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