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12 अक्तूबर 2012

सोयाबीन में नरमी से परेशान, सड़कों पर उतरे किसान

कटाई के सीजन में सोयाबीन की गिरती कीमतों से परेशान मध्य प्रदेश के किसानों ने प्रदेश की हाजिर मंडियों में हल्का फुल्का प्रदर्शन शुरू कर दिया है और राज्य के अधिकारियों से इस तिलहन की खरीद कीमतें बढ़ाने की मांग की है। हाजिर मंडियों में सोयाबीन का कारोबार 3000-3100 रुपये प्रति क्विंटल पर हो रहा है, जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा तय 2240 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले ज्यादा है। लेकिन किसानों ने राज्य के अधिकारियों से मांग की है कि वे एक ऐसा फॉर्मूला तैयार करें जिससे उन्हें कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल का ज्यादा भाव मिले। राज्य के अधिकारियों ने हालांकि बाजार में हस्तक्षेप से इनकार किया है। किसानों ने हालांकि 21 तारीख को भोपाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई है। पिछले तीन महीने में सोयाबीन की कीमतें 35 फीसदी टूटी हैं। यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले सकते है क्योंंकि राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाले मुख्य तत्वों में से सोयाबीन भी एक है। यहां बड़ी संख्या में पेराई मिलें स्थापित हुई हैं और ये रिफाइंड सोया तेल, सोया खली और इसके प्रसंस्करण से तैयार अन्य खाद्य उत्पाद तैयार करती हैं और इससे राज्य को बड़े पैमाने पर आय होती है। किसानों के आंदोलन की मुख्य वजह है कच्चे माल, श्रम लागत, उर्वरक व अन्य लागतों में बढ़ोतरी के चलते उनकी आय में हो रही कमी। उदाहरण के तौर पर किसान खरीफ सीजन मेंं 4400-4500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बीज खरीदते हैं, लेकिन कटाई के समय कीमतें एक हफ्ते पहले घटकर 2600-2700 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर आ गई थी। हालांकि उसके बाद श्राद्ध की अवधि में कम आपूर्ति से कीमतें सुधरी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में इसके भाव और नीचे आएंगे क्योंकि किसान एक हफ्ते बाद तीव्र गति से फसल तैयार करने लगेंगे। उर्वरक के साथ-साथ श्रम की लागत व परिवहन लागत बढ़ी है, जिसका कुल लागत में कम से कम 30-40 फीसदी योगदान है। सोपा के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने कहा, मौजूदा समय में सोयाबीन की आवक देश की हाजिर मंडियोंं में करीब 6 लाख बैग (प्रति बैग 100 किलो) अनुमानित है, जिनमें से अकेले मध्य प्रदेश में करीब 4 लाख बैग हो सकता है। लेकिन कटाई के सीजन में आवक बढ़कर 10-11 लाख बैग पर पहुंच सकती है। निर्मल बांग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोयाबीन का उत्पादन इस साल 110 लाख टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंचने की संभावना है जबकि पिछले साल 101 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। सोपा ने हालांकि कुल 126 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान जाहिर किया है। (BS Hindi)

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