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23 अक्तूबर 2012

'सकारात्मक रहेगा कृषि का विकास'

योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन ने कहा है कि खरीफ उत्पादन के अग्रिम अनुमान में एक साल पहले के मुकाबले बड़ी गिरावट के बावजूद इस साल कृषि क्षेत्र का विकास सकारात्मक रहेगा और इसमें 1-1.5 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना है। सेन ने सोमवार को कहा, मुझे उम्मीद है कि रबी और पशुधन क्षेत्र में इस साल सुधार आएगा। ऐसे में आखिर में यह सकारात्मक साबित होगा। हालांकि कृषि क्षेत्र में 3-3.5 फीसदी के सामान्य विकास की उम्मीद के मुकाबले आपूर्ति से जुड़े मुद्दे महंगाई के मोर्चे पर उस हद तक अपना प्रभाव छोड़ेंगे, जितना यह विकास के इच्छित स्तर से कम होगा। खरीफ सीजन के अग्रिम अनुमान से पता चलता है कि वास्तविक उत्पादन करीब 8 फीसदी घटेगा और पिछले खरीफ सीजन के अग्रिम अनुमान के मुकाबले (कीमत के लिहाज से) इसमें 4-5 फीसदी की कमी दर्ज होगी। उत्पादन में गिरावट मोटे तौर पर बारिश में सामान्य के मुकाबले 8 फीसदी की कमी के चलते दर्ज होगी जबकि पिछले साल की समान अवधि में सामान्य से 2 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी। सेन के मुताबिक, कुल कृषि उत्पादन में खरीफ फसलों की हिस्सेदारी एक चौथाई है, वहीं पशुधन क्षेत्र का योगदान 50 फीसदी है। उन्होंने कहा, मोटे अनाज और दलहन के उत्पादन में तीव्र गिरावट देखी गई है, इसके अलावा दूसरी फसलों के उत्पादन में भी सामान्य गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन चावल के उत्पादन में ज्यादा गिरावट नहीं आई है। सेन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार शीघ्रता से बाजार में और ज्यादा अनाज जारी नहीं करती है तो मोटे तौर पर पशुओं के चारे में इस्तेमाल किए जाने वाले मोटे अनाज की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। सेन ने कहा, वादे के मुताबिक खाद्यान्न जारी करने में देरी से इसका असर दूध व पशुधन उत्पादों पर पड़ सकता है, जो अब तक स्थिर रहा है। चावल व गेहूं की कीमतों में उछाल की कोई वजह नहीं है, लेकिन इसके निर्यात से कीमतों पर दबाव बढ़ा है। महंगाई के मसले पर उन्होंने कहा कि इसकी सामान्य दिशा 8 फीसदी के स्तर से नीचे है, लेकिन अगले कुछ महीनों में यह ऊंची रह सकती है क्योंकि हाल में तेल की कीमतों में हुए इजाफे का पूरा असर तब तक सामने आ जाएगा। सितंबर के दो हफ्ते में ही तेल की कीमतों में बढ़त का असर दिखा है और हर क्षेत्र में इसका असर अक्टूबर के बाद से नजर आने लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन खर्च में इजाफे से कृषि जिंसों की कीमतों पर भी असर दिखेगा। (BS Hindi)

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