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06 नवंबर 2012

खाद्य सुरक्षा मिशन में होगा 12,500 करोड़ का आवंटन

आर एस राणा नई दिल्ली प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक में अतिरिक्त खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय चावल, गेहूं और दलहनी फसलों के साथ ही अब मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर देगा। इसीलिए कृषि मंत्रालय ने मोटे अनाजों मक्का, ज्वार, बाजरा और रागी की फसल को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) स्कीम में शामिल कर लिया है। इसके लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में आवंटित धनराशि भी बढ़ाकर 12,500 करोड़ रुपये किए जाने की संभावना है। एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक में गेहूं और चावल के साथ ही मोटे अनाजों का भी आवंटन सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में करने की योजना है। ऐसे में गेहूं, चावल के साथ ही मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाना भी जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन स्कीम में मोटे अनाजों मक्का, बाजरा, ज्वार और रागी को भी शामिल करने की योजना बनाई है। खरीफ 2013 में होने वाली मोटे अनाजों की बुवाई एनएफएसएम के तहत होगी। उन्होंने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम के तहत 12,500 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित किए जाने की योजना है। जबकि 11वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम के तहत 4,883 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था। एनएफएसएम स्कीम के तहत चिन्हित किए गए जिलों में किसानों को फसलों के बीज, खाद और कीटनाशकों पर सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों मक्का, ज्वार, बाजरा और रागी की घरेलू खपत लगातार बढ़ रही है। मक्का की घरेलू खपत तो बढ़ ही रही है, साथ ही निर्यात में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चावल, गेहूं और दलहनी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी पर जोर दिया गया था। एनएफएसएम की योजनाओं के परिणामस्वरूप ही वर्ष 2011-12 में देश में चावल और गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन क्रमश 10.43 और 9.39 करोड़ टन का हुआ है। दलहन का उत्पादन भी वर्ष 2010-11 में देश में रिकॉर्ड 182.4 लाख टन का हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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