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20 नवंबर 2012

चीनी उत्पादन 20 फीसदी ज्यादा

देश में अक्टूबर से शुरू हुए नए सीजन में करीब 10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। यह पिछले साल की इसी अवधि में हुए उत्पादन से 20 फीसदी ज्यादा है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने एक बयान में ऐसा कहा है। इस्मा ने इस सीजन में 240 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो पिछले सीजन के वास्तविक उत्पादन 263.4 लाख टन से करीब 9 फीसदी कम है। चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर तक होता है। चालू चीनी सीजन 2012-13 में 15 नवंबर तक 9.84 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। यह पिछले साल की इसी अवधि में हुए उत्पादन से करीब 2 लाख टन ज्यादा है। हालांकि पिछले साल इस समय तक 215 चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी थी, लेकिन इस साल 15 नवंबर तक 178 चीनी मिलों ने ही पेराई शुरू की है। इसकी मुख्य वजह उत्तर प्रदेश में पेराई में देरी होना है। वहां दीवाली के चलते 15 नवंबर तक महज 3 मिलों ने पेराई शुरू की थी, जबकि पिछले साल वहां 43 मिलें चालू हो चुकी थीं। इसके अलावा राज्य सरकार ने अभी गन्ने की कीमत (सैप या राज्य समर्थित मूल्य) तय नहीं किया है। इसी कीमत दर पर मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान करेंगी। इस्मा के अनुसार चालू सीजन में राज्य में 79 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। इस साल करीब 2 लाख टन चीनी का अधिक उत्पादन कर्नाटक की चीनी मिलों के ज्यादा उत्पादन की बदौलत रहा है। कर्नाटक ने इस साल 15 नवंबर तक 4.20 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि इसने पिछले साल 2.37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। महाराष्ट्र में 93 मिलें चालू हो चुकी हैं, जबकि पिछले साल इस समय तक 95 मिलें चालू हो गई थीं। महाराष्ट्र के 66 लाख टन चीनी उत्पादित करने की संभावना है। महाराष्ट्र सरकार ने गन्ना पेराई 1 नवंबर के बजाय 15 अक्टूबर से ही शुरू कर करने का फैसला लिया, लेकिन साथ ही इस तारीख से पहले पेराई शुरू करने वाली मिलों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इसके अलावा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 2,058 रुपये प्रति टन से कम भुगतान करने वाली मिलों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। पेराई सीजन 2012-13 के दौरान आने वाले सीमित गन्ने के सर्वोत्तम उपयोग और आकर्षक कीमत की पेशकश करने वाली मिलों में गन्ना जाने और स्थानीय मिलों के समक्ष पैदा होने वाले संकट को टालने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसले लिए। उत्तर प्रदेश में भी पेराई शुरू हो चुकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें शुरू हो चुकी हैं और आने वाले दिनों में अन्य मिलें भी चालू हो जाएंगी। ये मिलें गाजियाबाद, बिजनौर और सीतापुर जिलों में स्थित हैं। राज्य में पेराई शुरू हो चुकी है, जबकि अखिलेश यादव सरकार द्वारा गन्ने के राज्य परामर्शी मूल्य (सैप) की घोषणा अभी की जानी बाकी है। वर्ष 2011-12 के दौरान उत्तर प्रदेश में गन्ने का कुल भुगतान करीब 18,206 करोड़ रुपये रहा था, जबकि चीनी उत्पादन करीब 69.58 लाख टन। चीनी उत्पादन के 2012-13 के दौरान 75 लाख का आंकड़ा छूने की संभावना है। (BS Hindi)

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