कुल पेज दृश्य

01 नवंबर 2012

उत्पादन का ब्यौरा न देने पर 53 चीनी मिलों को नोटिस

पिछले गन्ना पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी के उत्पादन, बिक्री व दूसरी गतिविधियों का पूरा ब्यौरा नहीं देने के कारण खाद्य मंत्रालय ने 53 चीनी मिलों को नोटिस जारी किया है। इनमें सबसे ज्यादा 28 चीनी मिलें महाराष्ट्र की हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गन्ना पेराई सीजन 2011-12 में देशभर में 527 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हुई थी। इनमें से 484 चीनी मिलों ने अगस्त 2012 खाद्य मंत्रालय के पास चीनी उत्पादन और बिक्री का पूरा ब्यौरा जमा करा दिया है लेकिन 53 चीनी मिलों ने अभी तक ब्यौरा जमा नहीं कराया है इसलिए इन चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन चीनी मिलों ने अभी तक उत्पादन और बिक्री का ब्यौरा जमा नहीं कराया है, उनमें सबसे ज्यादा 28 चीनी मिलें महाराष्ट्र की हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 8 चीनी मिलों ने, मध्य प्रदेश की 2 चीनी मिलों ने, आंध्र प्रदेश की 5 चीनी मिलों ने, कर्नाटक की 9 चीनी मिलों ने और उड़ीसा की एक चीनी मिल ने अभी तक गन्ना पेराई सीजन 2011-12 के उत्पादन और बिक्री का ब्यौरा मंत्रालय के पास जमा नहीं कराया है। गन्ना पेराई सीजन 2011-12 में देश में 262 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि चालू पेराई सीजन 2012-13 में गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी के बावजूद चीनी का उत्पादन घटने की आशंका है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार पहली अक्टूबर से शुरू हुए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 230 से 235 लाख टन रहने का अनुमान है। जबकि इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 240 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। रॉ शुगर का आयात बढऩे के आसार मुंबई - मौजूदा मार्केटिंग वर्ष 2012-13 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में सस्ती रॉ शुगर का आयात बढ़ सकता है। विदेश में रॉ शुगर के मुकाबले गन्ने की कीमत ज्यादा पडऩे की वजह से मिलों को आयात करके रिफाइनिंग में फायदा हो रहा है। चालू सीजन में भारतीय पहले ही 4.5 लाख टन रॉ शुगर आयात के सौदे कर चुकी है। इससे पहले दो वर्षों में भारत से बड़े पैमाने पर चीनी का निर्यात किया गया। (Business Bhaskar....R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: