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09 नवंबर 2012

टायर निर्माताओं ने बढ़ाया आयात

देश में प्राकृतिक रबर की मांग-आपूर्ति के बढ़ते अंतर से टायर कंपनियां अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रबर का आयात बढ़ा रही है। उदाहरण के तौर पर अपोलो टायर्स ने अपनी कुल जरूरतों का 45 फीसदी रबर आयात किया है। यहां तक कि जे के टायर ऐंड इंडस्ट्रीज ने भी अपनी जरूरतों का करीब 25 फीसदी रबर आयात किया है। अपोलो टायर्स लिमिटेड के प्रमुख (भारतीय संचालन) सतीश शर्मा ने कहा, पिछले वित्त वर्ष में हमने अपनी कुल जरूरत का करीब 35-40 फीसदी रबर आयात किया था, वहीं इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में आयात 40-45 फीसदी हो गया है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्राकृतिक रबर की खपत 5.6 फीदी बढ़ी है, वहीं उत्पादन में महज 1.1 फीसदी की उछाल आई है। रबर का इस्तेमाल करने वाले उद्योग खास तौर से टायर उद्योग आपूर्ति की किल्लत को देखते हुए आयात पर जोर दे रहा है, जो अप्रैल-सितंबर की अवधि में बढ़कर 1,12,640 टन पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 91,186 टन रबर का आयात हुआ था। जे के टायर ऐंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष व निदेशक ए के बाजोरिया ने कहा, मौजूदा समय में हम इंडोनेशिया व वितयनाम जैसे देशों से रबर का आयात कर रहे हैं। पिछले छह महीने में हमने अपनी जरूरतों का करीब 25 फीसदी रबर का आयात किया है और अब भी आयात का अनुपात उतना ही है। हमें देखना होगा कि कीमतें किस दिशा में जाती हैं। रबर बोर्ड ने सालाना उत्पादन 9.30 लाख और खपत 10.06 लाख टन रहने का अनुमान जाहिर किया है और इस तरह से मौजूदा वित्त वर्ष में कुल 76,000 टन रबर की कमी होगी। बाजोरिया ने कहा, आपूर्ति बढ़ाने के लिए जे के टायर विदेश में रबर के छोटे बागान की तलाश कर रहा है। जहां तक अधिग्रहण का सवाल है, फिलहाल हम इस पर नजर रखे हुए हैं। (BS Hindi)

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