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15 दिसंबर 2012

चटख हुआ हल्दी का रंग

देसी मांग बढऩे से हल्दी के वायदा भाव बढ़ रहे हैं, जिन्हें निर्यात की अच्छी मांग से भी हवा मिली है। पिछले साल हल्दी के भाव गिरने से किसानों ने इस बार दूसरी फसलें लगाईं, जिससे हल्दी का रकबा घटा है। रकबा घटने और फसल बिगडऩे से इसका उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी कम रहने की आशंका जताई जा रही है। इसीलिए देश में हल्दी का पर्याप्त भंडार होने के बावजूद भाव बढ़ रहे हैं। पिछले दो हफ्ते से वायदा बाजार में हल्दी के सभी अनुबंधों में तेजी है। इस महीने हल्दी के वायदा भाव 15 फीसदी चढ़ चुके हैं। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज पर इसका जून वायदा आज 6,400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, जो 1 दिसंबर को केवल 5,548 रुपये था। हालांकि कारोबार के अंत में आज यह 6,346 रुपये पर बंद हुआ। हल्दी दिसंबर अनुबंध भी महीने की शुरुआत में 4,865 रुपये प्रति क्विंटल था, जो आज 5,260 रुपये पर पहुंच गया। हाजिर बाजार में भी हल्दी चटख हो रही है। निजामाबाद मंडी में इसका भाव 5,182 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है, जो इस महीने के आरंभ में 4,930 रुपये था। ऐंजल कमोडिटी की वेदिका नार्वेकर के मुताबिक देसी मांग के साथ निर्यात मांग बढऩे का असर हल्दी पर है। उत्पादन कम होने की खबरें भी इसे चढ़ा रही हैं। पिछले साल देश में 80-90 लाख टन बोरी हल्दी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था, लेकिन इस साल आंकड़ा 64-65 लाख पर सिमटने के आसार हैं। पिछले साल के उत्पादन में से करीब 10 लाख बोरी स्टॉक इस साल जनवरी में था, जिसकी वजह से देसी बाजार में हल्दी की कमी होने के आसार नहीं हैं, लेकिन विदेशी मांग बढऩे से इसके भाव मजबूत हो सकते हैं। निजामाबाद मंडी में हल्दी कारोबारी रमेश लाल ने बताया कि किसान लागत का हवाला देकर ज्यादा कीमत मांग रहे हैं। वे 10,000 रुपये प्रति क्विंटल से कम पर माल बेचना नहीं चाहते। नई फसल जनवरी से आएगी और पहले से मौजूद स्टॉक के कारण उसके बाद हल्दी की कीमतों में इजाफे की गुंजाइश ज्यादा नहीं रहेगी। इरोड मंडी के कारोबारी संतोष के अनुसार किसानों के रुख को देखते हुए यह तय है कि कीमतों में अभी और बढ़ोत्तरी होने वाली है। वायदा बाजार में बढ़ रही कीमतें इसका साफ संकेत दे रही हैं कि आने वाले महीनों में नई फसल आने के बावजूद कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। क्योंकि घरेलू मांग के साथ निर्यात मांग में भी लम्बे समय के बाद तेजी देखने को मिल रही है। (BS Hindi)

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