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18 दिसंबर 2012

एफएमसी से मिली सरसों अनुबंध की सशर्त मंजूरी

वायदा बाजार आयोग ने इंदौर के क्षेत्रीय जिंस एक्सचेंज नैशनल बोर्ड ऑफ ट्रेड को शर्त के साथ सरसों वायदा शुरू करने की अनुमति दी है। आयोग आमतौर पर 12 महीने और इससे आगे की अनुमति देता रहा है, लेकिन एनबॉट के लिए उसने सिर्फ तीन अनुबंध की अनुमति दी है। 10 दिसंबर के अपने नोट में एफएमसी ने एक्सचेंज को जनवरी 2013, अप्रैल 2013 व मई 2013 में डिलिवरी वाले अनुबंध पेश करने की अनुमति दी है। एफएमसी ने कहा है कि नैशनल बोर्ड ऑफ ट्रेड उस तारीख से ये अनुबंध पेश कर सकता है, जो एक्सचेंज के उपनियमों के प्रावधान के हिसाब से इसका बोर्ड तय करे। मौजूदा मंजूरी की अवधि समाप्त होने के बाद 1 अक्टूबर से एनबॉट पर सरसों वायदा रोक दिया गया था। चूंकि राष्ट्रीय व क्षेत्रीय एक्सचेंजों को नए अनुबंध पेश करने के लिए नियामक से दोबारा मंजूरी लेनी होती है, लिहाजा एनबॉट ने भी करीब चार महीने पहले इसके लिए आवेदन किया था। नैशनल बोर्ड ऑफ ट्रेड के कार्यकारी निदेशक जयकुमार ए एस ने कहा कि नियामक इन अनुबंधों में कुछ बदलाव चाहता था और हमने बदलाव कर इसे दोबारा भेज दिया था। देरी नियामक की तरफ से हो रही थी। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब हमारे सदस्यों के पास कारोबार के लिए एक और जिंस होगी और इसके जरिए वे अपने पोर्टफोलियो का विशाखन कर सकेंगे। एक्सचेंज जल्द ही अपने बोर्ड की बैठक बुलाएगा और सरसों वायदा दोबारा पेश करने की तारीख तय करेगा। 20 जनवरी को एक्सपायर होने वाला अनुबंध जल्द पेश होगा जबकि बाकी दो अनुबंध अप्रैल 2013 व मई 2013 भी उपलब्ध कराए जाएंगे। एफएमसी ने हालांकि इसकी मंजूरी शर्त के साथ दी है। एक्सचेंज को एफएमसी को भरोसा दिलाना होगा कि अनुबंध पेश करने के बाद अत्यधिक सटोरिया गतिविधियां देखने को नहीं मिलेंगी। साथ ही इसे मान्यता के विस्तार के लिए भी अनुमति लेनी होगी। नियामक ने हालांकि चेतावनी दी है कि अगर इन अनुबंधों में जरूरत से ज्यादा सटोरिया गतिविधियां पाई गईं तो आयोग कड़े कदम उठाएगा। एक्सचेंज को रोजाना व मासिक आधार पर कारोबार की रिपोर्ट आयोग के पास भेजनी होगी। कार्यकारी निदेशक ने कहा, 'कई सालों से हमारे प्लैटफॉर्म पर सरसों वायदा कारोबार हो रहा था। आंतरिक मसलों के चलते हमारे सदस्यों ने पिछले कुछ महीनों में इस काउंटर में दिलचस्पी छोड़ दी। हालांकि सभी मसलों का समाधान हो गया है। ऐसे में हमें लगता है कि कारोबारियों की दिलचस्पी दोबारा देखने को मिलेगी।' नैशनल बोर्ड ऑफ ट्रेड की मान्यता और पंजीकरण 31 मई 2013 को समाप्त हो रही है। एफएमसी ने एक्सचेंज से आवश्यक कदम उठाने को कहा है। एफएमसी ने स्पष्ट किया है कि अगर मान्यता व पंजीकरण का विस्तार नहीं होता है तो उपरोक्त तारीख से सरसों के सभी चालू अनुबंध समाप्त कर दिए जाएंगे। (BS Hindi)

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