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22 दिसंबर 2012

लोकसभा में आया खाद्य सुरक्षा बिल

देश की 63.5 प्रतिशत आबादी को सस्ते खाद्यान्न का कानूनी अधिकार देने वाला महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया। गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में दुनिया के सबसे बड़े प्रयोग के रूप में देख जा रहे इस विधेयक को सदन में खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने पेश किया। इसका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजे थपथपा स्वागत किया। सोनिया को इस विधेयक का प्रेरक माना जा रहा है। इस योजना को अमल करने में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए की लागत और 95 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमान व्यक्त किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2011 के दायरे में ग्रामीण क्षेत्रों के 75 प्रतिशत लोगों को लाया जाएगा जिसमें से 46 प्रतिशत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखाGet Fabulous Photos of Rekha नीचे गुजर बसर करने वाले लोग शामिल हैं। इस विधेयक के दायरे में शहरी क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी को लाए जाने का प्रस्ताव है जिसमें 28 प्रतिशत लोग प्राथमिकता वाले क्षेत्र यानी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले हैं। इस विधेयक के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र के पात्र लोगों को प्रतिमाह प्रति व्यक्ति सात किलोग्रमा खाद्यान्न प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होगा जिसमें चावल, गेहूं और मोटा अनाज शामिल है। इसके तहत चावल प्रति किलो तीन रुपए, गेहूं प्रति किलो दो रुपए और मोटा अनाज प्रति किलो एक रुपए प्रदान किया जाएगा। (भाषा)

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