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22 मार्च 2013

ग्वार व ग्वार गम में वायदा कारोबार जल्द शुरू होने की संभावना

ग्वार और ग्वार गम में वायदा कारोबार महीने भर में शुरू होने की संभावना है। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. रामाशेषन ने दिल्ली में आयोजित भारतीय मक्का समिट-2013 के अवसर पर कहा कि कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) लगाने से जिंसों का वायदा कारोबार प्रभावित नहीं हुआ है। सरकार ने वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में गैर-कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर 0.01 फीसदी सीटीटी लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) से ग्वार और ग्वार गम के वायदा कारोबार को दोबारा शुरू करने की मांग की है तथा एफएमसी द्वारा गठित निगरानी समिति की बैठक में भी किसानों के हितों के लिए इसके वायदा कारोबार को दोबारा शुरू करने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है एफएमसी जल्द ही ग्वार और ग्वार गम के वायदा कारोबार को शुरू करने की अनुमति दे देगी। ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में भारी तेजी को देखते हुए सरकार ने मार्च 2012 में इसके वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। आर रामाशेषन ने बताया कि देश में गेहूं और चावल के बाद मक्का का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। मक्का का घरेलू उपयोग तो लगातार बढ़ ही रहा है साथ में निर्यात भी बढ़ रहा है। भारतीय मक्का समिट-2013 में वेल्यू चेन को बढ़ावा दे रहे हैं इसका उद्योग के साथ ही किसानों को भी फायदा होगा। इस समय एनसीडीईएक्स पर मक्का का दैनिक 50 करोड़ रुपये का कारोबार होता है तथा अगले 2-3 साल में बढ़कर 500 करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है। एफएमसी के अनुसार फरवरी महीने में एनसीडीईएक्स पर 95,328 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 1,06,149 करोड़ रुपये से कम है। उन्होंने कहा कि फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) पास होने से एफएमसी के अधिकार बढ़ जायेंगे तथा इससे कमोडिटी मार्किट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरु की जा सकेगी। साथ ही इससे जिंस वायदा कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि इस समय देशभर में 600 वेयरहाउस एनसीडीईएक्स से जुड़े हुए हैं तथा 300 वेयर हाउसों को और जोडऩे की योजना है। मक्का की तरह अन्य जिंसों चना, सोयाबीन इत्यादि में भी समिट कराने की योजना है। (Business Bhaskar)

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