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14 मार्च 2013

प्याज के निर्यात पर रोक लगाने से इंकार

सरकारी रुख प्याज के मूल्य में आई तेजी अस्थाई थी देश में 170 लाख टन प्याज का उत्पादन प्याज की खपत का आंकड़ा 150 लाख टन पर सरप्लस स्टॉक होने के कारण निर्यात की अनुमति केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से इंकार किया है। उसका कहना है कि प्याज के मूल्य में अस्थाई तेजी रही है क्योंकि कुछ उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसमी बारिश हुई और मंडी बंद रहीं। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने राज्यसभा में बताया कि हमारे पास प्याज का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और किसी भी स्तर पर इसकी कमी नहीं है। घरेलू खपत का आकलन करने के बाद सरप्लस प्याज का ही निर्यात करने की अनुमति दी गई है। देश में 170 लाख टन प्याज का उत्पादन 150 लाख टन घरेलू खपत से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कृषि उपजों का निर्यात नीति विभिन्न कारकों पर निर्भर होती है। इनमें घरेलू खपत, बफर स्टॉक और रणनीतिक स्टॉक के बाद बची कृषि उपज का ही निर्यात किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्याज के मामले में 84 फीसदी उत्पादन की घरेलू खपत हो जाती है। सरकार छह फीसदी स्टॉक बफर स्टॉक के रूप में रखती है। इसके बाद बचे 7 फीसदी प्याज का ही निर्यात किया जाता है। सप्लाई संबंधी वचनबद्धता के चलते हम अनायास निर्यात पर रोक नहीं लग सकते हैं। निर्यात पर रोक लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार से भारत की मौजूदगी खत्म हो जाएगी और इसका लाभ प्रतिस्पर्धी देशों को मिलेगा। शर्मा के अनुसार राजस्थान और मध्य प्रदेश में बारिश होने और आजादपुर मंडी बंद रहने की वजह से दिल्ली में जनवरी व फरवरी के दौरान प्याज के दाम बढ़े थे। मूल्य में अस्थाई बढ़ोतरी 22 जनवरी को शुरू हुई और एक पखवाड़े में मूल्य सामान्य स्तर पर आ गए। 11 मार्च को आजादपुर मंडी में प्याज के दाम 13.10 रुपये प्रति किलो रहे। हालांकि फुटकर में प्याज के दाम करीब 10-11 रुपये प्रति किलो ज्यादा हैं। लेकिन कीमत में यह अंतर फुटकर विक्रेताओं के कारण है। (Business Bhaskar)

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