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27 अप्रैल 2013

तांबा लुढ़क सकता है 6000 डॉलर तक

आर्थिक विकास की चिंताओं की वजह से तांबे की कीमतें फरवरी के मध्य से लगभग 14 फीसदी नीचे आ चुकी हैं। ये कीमतें 8,350 डॉलर से गिर कर 7,000 डॉलर प्रति टन रह गई हैं। सप्ताह के दौरान एलएमई तांबा कीमतें गिर कर 6,811 डॉलर रह गईं। क्रेडिट सुइस ने तांबे पर अपनी एक शोध रिपोर्ट में कहा, 'हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कई बार तांबे की कीमतें गिर कर इस स्तर पर आई हैं और प्रत्येक बार गिरावट अपेक्षाकृत अस्थायी साबित हुई है। लेकिन हमारा मानना है कि इस बार गिरावट बरकरार रह सकती है। 2006 के बाद से 6,000 से 9,000 डॉलर के शीर्ष स्तर के आसपास कारोबार के बाद अब हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि कीमतें नीचे आएंगी।Ó आनंद राठी में ईडी (कमोडिटीज) प्रीति गुप्ता ने कहा, 'तांबा कमजोर है और हमारा मानना है कि यह कमजोरी कुछ और समय तक बनी रहेगी।Ó सोने जैसे जिंस में पिछले कुछ दिनों में वापसी देखी गई है, लेकिन तांबा गिर रहा है और इसमें सुधार काफी कम है। हालांकि आर्थिक आंकड़े अनुकूल नहीं नजर आ रहे हैं, और एलएमई और शांघाई एक्सचेंजों पर पर स्टॉक की स्थिति भी खराब है, क्योंकि यह स्टॉक कई वर्षों के ऊंचे स्तर पर है और इसलिए प्रत्येक तेजी पर बिकवाली से इस धातु को और नीचे जाने में मदद मिल रही है। कॉमट्रेंडï्ïस रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, 'तांबे के लिए यह दोहरी मार है, क्योंकि मांग कर रही है जबकि प्रमुख एक्सचेंजों पर भंडार बढ़ रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि यदि तकनीकी तौर पर तांबा अपने 6500 डॉलर के टेक्नीकल सपोर्ट से नीचे आता है तो यह और अधिक लुढ़क कर 6,000 डॉलर प्रति टन तक आ सकता है। क्रेडिट सुइस ने कहा, 'तांबा खनिकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है और परिचालन से जुड़ी चुनौतियों और निवेश जोखिम की समस्या भी बरकरार है। (BS Hindi)

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