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25 अप्रैल 2013

सोने का कर्ज हुआ खोटा!

आभूषण कंपनी विनसम को कर्ज देने वाले बैंकों को करीब 4,000 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है। विनसम (पुराना नाम सूरज डायमंड्स) को सोना खरीदने के लिए बैंकों ने यह कर्ज दिया था, जो अब ने बैंकों के एक समूह से सोने की खरीद के लिए यह ऋण लिया था, जिसकी काफी रकम अब फंस सकती है। बैंकरों के अनुसार कर्ज के बदले उनके पास कुछ परिसंपत्तियां गिरवी रखी गई थीं, लेकिन उनकी कीमत ज्यादा नहीं है। विनसम के भंडार भी बैंकों की देखरेख में हैं और ऋण देने वाले बैंकों की पिछले हफ्ते की बैठक में भंडार की जांच कराने का फैसला किया गया। हालांकि बैंकर कह रहे हैं कि हाल ही में सोने के भाव में आई गिरावट की वजह से सोने के भंडार की कीमत भी कम हो जाएगी। कुछ बैंकों का कहना है कि निर्यात पर जोर देने वाली इस कंपनी ने उन देशों को निर्यात किया होगा, जहां मंदी का असर है। वहां जेवरात मंगाने वालों ने कीमत चुकाने में देर कर दी होगी, जिसकी वजह से विनसम उन बैंकों को किस्त नहीं चुका सकी, जिनसे उसने सोना खरीदा था। किस्त नहीं आने पर उन बैंकों ने ऋण पत्र भुनाना शुरू कर दिए, जो भारतीय बैंकों ने जारी किए थे। ऐसी सूरत में अगर 90 दिन के भीतर कर्ज का भुगतान नहीं होता है तो कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन जाता है। एक बैंकर ने कहा, 'मुमकिन है कि सोने का भंडार धीमे-धीमे बाहर निकल रहा हो और इसकी वजह से कंपनी के लिए दिक्कतें आई हों।Ó निजी एवं विदेशी बैंकों के अलावा दर्जन भर सार्वजनिक बैंकों ने कंपनी को ऋण दिया है। विनसम को कर्ज देने वाले एक सरकारी बैंक के एक वरिष्ठï अधिकारी ने बताया, 'हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। पहले हमें समझना होगा कि कंपनी के साथ क्या गलत हुआ। हम एक-दो दिन में विनसम डायमंड ऐंड ज्वैलरी लिमिटेड के प्रवर्तक जतिन मेहता के साथ मुलाकात कर सकते हैं।Ó जिन बैंकों ने कंपनी के एलसी खोले हैं उनमें पंजाब नैशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, विजया बैंक, आईडीबीआई बैंक व अन्य बैंक हैं। इस समूह की अगुआई स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक कर रहा था। स्टैंडर्ड बैंक ऑफ साउथ अफ्रीका, स्टैंडर्ड चार्टर्ड लंदन और स्कॉटिया बैंक ने भी एलसी प्रभावी कर दी है, जो बैंकों ने करार के समय विनसम के लिए जारी की थी। पिछले साल ही विनसम का नाम बदला गया और मदन बी खुर्जेकर को उसका गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया था। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसकी प्रमुख गतिविधियों में हीरा एवं कीमती पत्थर जडि़त सोने, चांदी और प्लेटिनम के आभूषणों व सादे आभूषणों का विनिर्माण और निर्यात शामिल है। कंपनी पॉलिश किए गए हीरों का भी निर्यात करती है। (BS Hindi)

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