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15 अप्रैल 2013

लेबर चार्ज बढऩे पर कंबाइन हार्वेस्टर से गेहूं कटाई पर जोर

चारे का उत्पादन न होने से सुलभता घटने का अनुमान लेबर महंगी होने से मजबूरन किसानों को गेहूं की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से करानी पड़ रही है। इससे चारे की उपलब्धता में कमी आएगी, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ेगा। इस समय चारे का दाम मंडियों में 550 से 650 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। सोनीपत जिले के पूठी गांव के गेहूं किसान राजेश कुमार ने बताया कि हाथ से गेहूं की कटाई का खर्च 30 से 40 फीसदी बढ़ गया है। पिछले साल जहां 2,500 से 3,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से गेहूं की कटाई हो रही थी, वहीं चालू रबी में हाथ से कटाई के लिए 3,500 से 4,000 रुपये प्रति एकड़ खर्च आ रहा है। इसलिए मजबूरन कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों से गेहूं की कटाई करानी पड़ रही है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से गेहूं कटवाने पर चारा नहीं बनता है। अगर रेपर मशीन से चारा बनवाएं तो भी केवल 20 से 25 मन (एक मन-40 किलो) प्रति एकड़ ही चारा मिलता है जबकि हाथ से गेहूं की कटाई करने पर सामान्यत: 60 से 70 मन प्रति एकड़ चारा बन जाता है। इसीलिए चालू सीजन में चारे की उपलब्धता कम होने से कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। गौतमबुद्धनगर जिले के गेहूं किसान प्रमोद शर्मा ने बताया कि गेहूं की हाथ से कटाई के लिए लेबर महंगी हो गई है इसलिए कंबाइन मशीन संचालकों ने भी गेहूं कटाई के दाम बढ़ा दिए हैं। पिछले साल जहां 900 से 950 रुपये प्रति एकड़ की दर से गेहूं की कटाई कंबाइन मशीनों से हो रही थी, वहीं चालू सीजन में 1100 से 1200 रुपये प्रति एकड़ का चार्ज ले रहे हैं। उन्होंने 10 एकड़ में गेहूं की फसल लगाई हुई है, इसमें से केवल 2 एकड़ की हाथ से कटाई करा रहे हैं, बाकी सारा गेहूं कंबाइन मशीनों से कटवाया है। नजफगढ़ चारा मंडी के थोक कारोबारी गोविंद ने बताया कि नई फसल की आवक के समय चारे के दाम कम हो जाते हैं लेकिन इस बार उल्टा हो रहा है। सीजन शुरू हो चुका है लेकिन आवक कम होने से चारे की कीमतें नहीं घट रही है। मंडी में चारे के दाम 550 से 650 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उत्पादक राज्यों में चारे का दाम 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। आगामी दिनों में इसकी कीमतों में 50 से 100 रुपये क्विंटल की आंशिक गिरावट तो आ सकती है लेकिन मई-जून के बाद फिर दाम बढऩे की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की खरीद भी निकलनी शुरू हो गई है। (Business Bhaskar)

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