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30 मई 2013

निर्यात से प्याज में तेजी का आगाज

निर्यात की बढ़ती मांग के कारण प्याज के भावों में फिर से तीखापन आ गया है। निर्यात मांग इतनी मजबूत है कि अप्रैल में मार्च के मुकाबले 40 फीसदी से भी ज्यादा प्याज निर्यात हो चुका है। पिछले माह तक नई आपूर्ति के दबाव में जब भाव गिरे तो निर्यात मांग में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस महीने आपूर्ति का दबाव घटा मगर निर्यात बढऩे का असर पड़ा और प्याज 10 से 25 फीसदी महंगा हो गया। अभी ज्यादा तेजी निर्यात वाले प्याज में आई है लेकिन आगे इस तेजी का असर आम प्याज की कीमतों पर भी तेजी के रुप में दिख सकता है। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्टï्र की लासलगांव मंडी में सप्ताह भर के दौरान प्याज के भाव 500-1000 रुपये से बढ़कर 700-1250 रुपये, पिंपलगांव मंडी में भाव 500-1025 रुपये से चढ़कर 700-1250 रुपये और दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 50-100 रुपये बढ़कर 650-1150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। प्याज निर्यातक के के कोचर कहते हैं कि इस साल मार्च तक प्याज के दाम काफी ज्यादा थे। इस कारण इसकी निर्यात मांग बेहद कमजोर थी। लेकिन अप्रैल से कीमतों में भारी गिरावट आने लगी और इस दौरान निर्यात मांग भी तेजी से बढऩे लगी । राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता के अनुसार इस समय प्याज का खूब निर्यात हो रहा है जिससे प्याज महंगा हुआ है। अभी मलेशिया, इंडोनेशिया, दुबई, सिंगापुर समेत खाड़ी देशों से निर्यात मांग अच्छी है। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पी एम शर्मा कहते हैं कि दिल्ली में स्थानीय प्याज आ रहा है, जिसका निर्यात नहीं होता है। इसलिए कीमतों में 70-100 रुपये की ही तेजी आई है। अगर निर्यात इसी तरह बढ़ता रहा तो आगे प्याज और महंगा हो सकता है। अप्रैल महीने में करीब 165 लाख टन प्याज निर्यात हुआ है। यह मार्च में निर्यात हुए 1.16 लाख टन से 42 फीसदी ज्यादा है। मई में भी निर्यात बढऩे की संभावना है। मार्च में औसतन 19,250 रुपये टन प्रति के भाव पर निर्यात हुआ था। अप्रैल में यह आंकड़ा 13,375 रुपये प्रति टन रहा। वित्त वर्ष 2012-13 में 1,787 करोड़ रुपये मूल्य के 16.93 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है। (BS Hindi)

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