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18 जून 2013

बीस लाख टन क्षमता के साइलो निर्माण की पहल मध्य अगस्त से

कदम - बीओटी आधार पर निजी कंपनियां विकसित करेंगी भंडारण क्षमता एफसीआई 20 लाख टन के साइलो सिस्टम भंडारण के लिए जल्द आमंत्रित करेगी बोलियां प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल लागू होने के बाद केंद्रीय पूल में ज्यादा खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। इसीलिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अभी से इसकी तैयारी में जुट गया है। खाद्यान्न भंडारण क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए एफसीआई मध्य अगस्त तक 20 लाख टन साइलो सिस्टम भंडारण क्षमता के लिए बोलियां आमंत्रित करेगी। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश के दस जिलों में 20 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता साइलो सिस्टम के तहत बनाई जायेगी। मध्य अगस्त तक इसके लिए निविदा आमंत्रित किए जाने की संभावना है। इनमें से ज्यादा भंडारण क्षमता बीओओ (बिल्ड, ओन एंड आपरेट) के तहत बनाये जाएंगे जो सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) का एक रूप है। इसके अलावा बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल के आधार पर वायवलिटी गैप फंडिंग के आधार पर बनेंगे। एफसीआई के कार्यकारी निदेशक (साइलो) अनूप कुमार ने बिजनेस भास्कर बताया कि दस राज्यों में जो 20 लाख टन की अतिरिक्त साइलो भंडारण क्षमता तैयार की जाएगी। इसमें पंजाब में 4 लाख टन, हरियाणा में 3 लाख टन, मध्य प्रदेश में 3.5 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 3 लाख टन, पश्चिमी बंगाल और बिहार में क्रमश: 2-2 लाख टन, महाराष्ट्र में एक लाख टन तथा असम, केरल और गुजरात में भी क्रमश: 50-50 हजार टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जाएगी। इस समय देशभर में आधुनिक साइलो सिस्टम के तहत करीब 5.50 लाख टन खाद्यान्न भंडारण क्षमता है। इसमें पंजाब और हरियाणा में क्रमश: 2-2 लाख टन की भंडारण क्षमता है। साइलो सिस्टम से खाद्यान्न की बल्क में खरीद, बल्क में भंडारण और बल्क में वितरण होता है। इसके तहत राज्य सरकारें साइलो सिस्टम भंडारण स्थल को ही मंडी यार्ड के रूप में स्थापित करेंगी, जिसका किसानों के साथ ही निगम को भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में तैयार की जाने वाली अतिरिक्त साइलो भंडारण क्षमता रेलवे साइडिंग के पास बनाना अनिवार्य होगा। साइलो भंडारण क्षमता में खाद्यान्न का सुरक्षित भंडारण ज्यादा समय तक किया जा सकता है। इस पर एफसीआई ने गत सप्ताह अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के सहयोग से दिल्ली में एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें करीब 85 निजी निवेशकों ने भाग लिया। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधीर कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह खाद्य भंडारण के लिए सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। सरकार मिशन मोड के तहत पहले ही खाद्यान्न भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। पीपीपी परियोजना के रूप में 20 लाख टन की साइलो भंडारण क्षमता इसी रणनीति का हिस्सा है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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