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31 जुलाई 2013

खाद्य सुरक्षा की खातिर गेहूं व चावल निर्यात की समीक्षा

आर एस राणा नई दिल्ली | Jul 31, 2013, 02:34AM IST दो अगस्त को सचिवों की बैठक में किया जाएगा पूरे मसले पर मंथन मौजूदा निर्यात गेहूं का निर्यात सरकारी और प्राइवेट स्तर पर हो रहा गैर बासमती चावल का निर्यात प्राइवेट व्यापारियों के जरिये विदेश में दाम घटने से गेहूं का सरकारी निर्यात नहीं हो रहा पिछले 22 माह में कुल 81.45 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ इसमें 41.95 लाख टन गेहूं का निर्यात सरकारी गोदामों से सितंबर 2011 से गैर बासमती चावल निर्यात 115 लाख टन रहा देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के साथ ही सरकार खाद्यान्न निर्यात की समीक्षा करने जा रही है। सरकार तय करेगी कि घरेलू आवश्यकता और उपलब्धता को देखते हुए गेहूं व चावल के निर्यात की कैसी नीति होनी चाहिए। खाद्यान्न निर्यात की समीक्षा करने के लिए केंद्र सरकार ने दो अगस्त को सचिव स्तर की बैठक बुलाई है। खाद्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में गेहूं और गैर-बासमती चावल के घरेलू स्टॉक, निर्यात की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की जायेगी। केंद्रीय पूल में पहली जुलाई को 739.05 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक जमा है जो तय बफर मानकों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाद्यान्न निर्यात की समीक्षा करने के लिए दो अगस्त को सचिव स्तर की बैठक प्रस्तावित है। खाद्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी संबंधित मंत्रालयों के सचिव भाग लेंगे। सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के जरिए लागू कर रही है तथा कुछ राज्य अगस्त-सितंबर से ही इसे लागू करना चाहते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू होने के बाद ज्यादा खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई गिरावट से गेहूं के नए निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं। गेहूं निर्यात के लिए सरकार ने 300 डॉलर प्रति टन का बेस प्राइस तय किया हुआ है जबकि विश्व बाजार भाव 275-285 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 9 सितंबर 2011 से 5 जुलाई 2013 के दौरान 81.45 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ है। इसमें सार्वजनिक कंपनियों एसटीसी, एमएमटीसी और पीईसी ने 41.95 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। गैर-बासमती चावल का निर्यात 9 सितंबर 2011 से 5 जुलाई 2013 के दौरान 115 लाख टन रहा। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 34.56 लाख टन बासमती चावल का भी निर्यात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले ज्यादा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 के पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून) के दौरान 3,363.13 करोड़ रुपये मूल्य का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 15.11 फीसदी कम है। हालांकि इस दौरान गेहूं और बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से बढ़ा है। इस दौरान 3,963.57 करोड़ रुपये मूल्य का गेहूं निर्यात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 288.79 फीसदी ज्यादा है। बासमती चावल का निर्यात मूल्य के लिहाज से इस दौरान 67.70 फीसदी बढ़कर 7,756.95 करोड़ रुपये का हुआ है। (business Bahskar.....R S Rana)

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