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16 जुलाई 2013

बेहतर सुलभता के चलते खाद्य तेल और सस्ते होने के आसार

दिलचस्प पहलू - अमेरिकी डॉलर की छाया से बेअसर हैं खाद्य तेल नरमी के कारक जून में खाद्य तेलों का आयात 21 फीसदी बढ़कर 9.47 लाख टन विदेश में खाद्य तेल सस्ते, इसी वजह से आयात में बढ़ोतरी खरीफ तिलहनों की बुवाई 100 फीसदी बढ़कर 135.99 लाख हैक्टेयर खरीफ तिलहनों की पैदावार में खासी बढ़ोतरी होने का अनुमान खाद्य तेल के मूल्य में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट संभव खरीफ में तिलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होने से पैदावार में सुधार होने की संभावना है। इसके अलावा विदेशी खाद्य तेल सस्ते होने से इनका आयात भी बढ़ गया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है। बेहतर सुलभता के चलते खाद्य तेल की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। दिलचस्प तथ्य यह है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से आयात महंगा हो रहा है लेकिन दूसरी कारकों का दबाव इतना ज्यादा है कि खाद्य तेल सस्ते होने के आसार बन रहे हैं। पिछले जून महीने में खाद्य तेलों के आयात में 21 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 9.47 लाख टन का हुआ है। अनुकूल मौसम से खरीफ में तिलहनों की बुवाई में 100 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल बुवाई 135.99 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि खाद्य तेलों की उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा है। हालांकि रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है लेकिन आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से आयात बढ़ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में ही खाद्य तेलों की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। सोमवार को हरियाणा में सरसों तेल का भाव घटकर 665-670 रुपये, इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड का भाव 685-690 रुपये, कांडला बंदरगाह पर क्रूड पाम तेल 495-500 रुपये, आरबीडी पामोलीन 540 रुपये और राजकोट में मूंगफली तेल का भाव 990-1,000 रुपये प्रति 10 किलो रह गया। साई सिमरन फूड्स लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि अनुकूल मौसम से चालू खरीफ में सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई में भारी बढ़ोतरी हुई है। उधर, अमेरिका में भी सोयाबीन की बुवाई बढ़ी है जबकि मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल का स्टॉक ज्यादा है। इसलिए घरेलू बाजार में आगामी दिनों में खाद्य तेलों की कीमतों में और भी 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जून महीने में खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 9.47 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल जून महीने में 7.83 लाख टन का हुआ था। चालू तेल वर्ष (नवंबर-12 से जून-13) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 11.73 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 71.45 लाख टन का हो चुका है। पिछले साल की समान अवधि में 63.95 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। भारतीय बंदरगाह पर जून महीने में आरबीडी पामोलीन का भाव घटकर 842 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि जून-2012 में इसका भाव 1,001 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का भाव इस दौरान 973 डॉलर से घटकर 832 डॉलर प्रति टन रह गया। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई बढ़कर 135.99 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 67.70 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। (Business Bhaskar...R S Rana)

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