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22 अगस्त 2013

सहारा-एनएसईएल संबंधों से चिंतित नियामक

सहारा इंडिया परिवार के मामलों की जांच कर रहा वित्त मंत्रालय और इसके तहत आने वाली विभिन्न एजेंसियां मसलन भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), प्रवर्तन निदेशालय नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) के उत्पादों में इसके निवेश को लेकर चिंतित हैं। गंभीर नियामकीय आरोपों का सामना कर रहे इन दोनों समूहों के इस संबंध ने अधिकारियों की घबराहट बढ़ा दी है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'इस मामले में सहारा का शामिल होना ही वजह है कि वायदा बाजार आयोग को वित्त मंत्रालय के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया है।Ó एनएसईएल की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इंडियन मार्केट्स बुलियन एसोसिएशन (आईबीएमए) ने जिन 108 बड़े निवेशकों की सूची जारी की है उसमें सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स सबसे बड़ी निवेशक है। एनएसईएल के मालिकाना हक वाली आईबीएमए के प्रमुख भी एनएसईएल के पूर्व प्रमुख अंजनी सिन्हा हैं और यह भी नियामकीय जांच के घेरे में है। वायदा बाजार आयोग ने एनएसईएल को ताकीद की है कि वह आईबीएमए को फिलहाल भुगतान नहीं करे क्योंकि यह एक्सचेंज से जुड़ी कंपनी है। एनएसईएल से भुगतान का दावा कर रहे आईबीएमए के ग्राहकों का एक्सचेंज पर 1,170 करोड़ रुपये बकाया है। इस बारे में भेजे गए ईमेल का जवाब देते हुए सहारा समूह के प्रवक्ता ने कहा, 'सहारा क्यू एक ब्रांड है, जिसके पोर्टफोलियो में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पर्सनल केयर, होम केयर और उपभोक्ता टिकाऊ के 700 से भी ज्यादा उत्पाद मौजूद हैं।Ó एनएसईएल में निवेश के बारे में प्रवक्ता ने बताया, 'लंबी अवधि के लिए कृषि जिंस कारोबार में निवेश करना हमारे इस कारोबार की रणनीति के लिए बेहद अहम था। इसके जरिये हम सीधे उत्पादकों या मिलों से मनचाही गुणवत्ता और किफायती दाम पर उत्पाद खरीद सकते थे, जिससे हमारे ग्राहकों को भी फायदा होता। इसके अलावा हमने अपना प्रतिफल बढ़ाने के लिए इसे छोटी अवधि के निवेश के तौर पर भी देखा।Ó सहारा ने यह भी कहा कि इसमें निवेश की गई रकम निवेशकों से नहीं जुटाई गई है। प्रवक्ता ने कहा, 'सहारा क्यू शॉप ने अपनी शुरुआती पूंजी और कार्यशील पूंजी में से 226 करोड़ रुपये का निवेश एनएसईएल के कृषि- जिंस कारोबार में किया था और हमारा ब्रोकर था आईबीएमए। इसके तहत बहुलांश निवेश धान और चीनी में किया गया था क्योंकि इन्हीं जिंसों की बिक्री भी सबसे ज्यादा होती है।Ó सहारा समूह की दो रियल एस्टेट कंपनियों से मिली रकम निवेश करने के कारण सहारा क्यू शॉप नियामक की जांच के दायरे में है। दरअसल नियामक ने इन दोनों कंपनियों को जनता से रकम जुटाने पर पाबंदी लगाई थी लेकिन कंपनियों ने इसका उल्लंघन किया। पिछले साल अगस्त ने समूह को आदेश दिया था कि वह करीब 3 करोड़ निवेशकों का 24,029 करोड़ रुपये लौटाए। इस मामले में इस 26 अगस्त को सुनवाई होनी है। (BS Hindi)

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