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19 अगस्त 2013

रुपये की लगातार गिरावट से महंगी होने लगीं दालें

पिछले हफ्ते भर में दालों की थोक कीमतें 300-500 रुपये प्रति क्विंटल चमकी आगामी रुख रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती को देखते हुए आयातक नए आयात सौदे सीमित मात्रा में कर रहे हैं। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट का असर घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों पर पडऩा शुरू हो गया है। दालों की थोक कीमतों में सप्ताहभर में ही 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। त्यौहारी सीजन शुरू हो गया है जबकि सब्जियों के दाम ऊंचे बने हुए हैं। ऐसे में आगामी दिनों में दालों की कीमतों में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आने की संभावना है। दलहन के थोक कारोबारी निशांत मित्तल ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से आयातित दालें महंगी हो गई हैं। 16 अगस्त को डॉलर के मुकाबले रुपया अब के सबसे निचले स्तर 62 के अहम स्तर को भी पार कर गया था। हालांकि शनिवार को 61.65 के स्तर पर कारोबार करते देखा गया। उन्होंने बताया कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण भी दालों में मांग पहले की तुलना में बढ़ी है। थोक बाजार उड़द दाल का दाम बढ़कर 5,000 से 5,500 रुपये, मूंग दाल का 6,500 रुपये, अरहर दाल का 6,300 रुपये और मसूर दाल का 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। चना दाल की कीमतों में 300 रुपये की तेजी आकर शनिवार को भाव 3,500-3,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में अधिक बारिश से दलहन की फसल को आंशिक नुकसान हुआ है। हालांकि दालों के बुवाई क्षेत्रफल में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है लेकिन अरहर, उड़द और मूंग दाल की नई फसल की आवक सितंबर-अक्टूबर महीने में बनेगी, ऐसे में अगले एक-डेढ़ महीने तक दालों की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है। श्रीकृष्ण मुरारी कन्वेसिंग कंपनी के प्रबंधक दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आयातित दालों के दाम सप्ताहभर में ही 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं। आयातित अरहर का भाव बढ़कर मुंबई में 3,900-3,950 रुपये, मूंग तंजानिया और पेडीसेवा के भाव बढ़कर 4,900-5,350 रुपये, उड़द एफएक्यू का भाव 3,450 रुपये और ऑस्ट्रेलियाई चने का भाव बढ़कर 3,050 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती को देखते हुए आयातक नए आयात सौदे सीमित मात्रा में कर रहे हैं। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की बुवाई बढ़कर 93.25 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 74.48 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। (Business Bahskar...R S Rana)

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