कुल पेज दृश्य

23 सितंबर 2013

नई स्कीम फेल तो गेहूं बिक्री पुरानी पद्धति से

आर एस राणा नई दिल्ली | Sep 23, 2013, 09:20AM IST रिस्पांस- कई राज्यों की मिलें खरीद के लिए आगे नहीं आईं स्कीमों का फेर नई स्कीम में सभी मिलों को पंजाब-हरियाणा से उठाना था गेहूं परिवहन खर्च के चलते दूसरे राज्यों की मिलों के लिए बिड भरना कठिन पुरानी पद्धति के तहत राज्यवार मूल्य तय करके नीलामी की जाएगी इसमें संबंधित राज्य की मिलें गेहूं खरीद करने के लिए बिड भरेंगी राज्यवार निविदा में गेहूं की परिवहन लागत भी कीमत में जुड़ेगी राज्यवार गेहूं की नीलामी के लिए एफसीआई का टेंडर अगले हफ्ते खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की नई स्कीम सिरे नहीं चढ़ पाई इसलिए सरकार फिर से पुराने तरीके पर आ गई है। रोलर फ्लोर मिलों को ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री फिर से राज्यों के आधार पर की जायेगी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) आगामी सप्ताह में गेहूं की बिक्री के लिए राज्यवार निविदा आमंत्रित करेगी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री एक बार फिर से राज्य के आधार पर की जायेगी। इसके लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि गेहूं की बिक्री के लिए राज्यों के आधार पर तो निविदा जारी की ही जायेगी, साथ ही अगर किसी राज्य की फ्लोर मिल चाहे तो पंजाब और हरियाणा से भी गेहूं खरीदने के लिए निविदा भर सकती है। उन्होंने बताया कि निविदा भरने के लिए न्यूनतम भाव 1,500 रुपये प्रति क्विंटल में परिवहन लागत (रेलवे) जोड़कर होगी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की 21 जून को हुई बैठक में ओएमएसएस के तहत 95 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था। इसके तहत 85 लाख टन गेहूं की बिक्री बल्क कंज्यूमर को और 10 लाख टन की बिक्री स्मॉल ट्रेडर्स को करनी है। ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बल्क कंज्यूमर को पंजाब और हरियाणा से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही थी। लेकिन नई स्कीम के तहत पंजाब और हरियाणा को छोड़ अन्य राज्यों की मिलें गेहूं नहीं खरीद कर पा रही थी। इसीलिए बिक्री फिर से राज्यवार करने का फैसला किया है। स्मॉल ट्रेडर्स को 3 से 9 टन गेहूं की बिक्री 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से राज्यों के आधार पर पहले से ही की जा रही है। केंद्रीय पूल में पहली सितंबर को 589.33 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है। इसमें 383.60 लाख टन गेहूं और 205.73 लाख टन चावल का स्टॉक जमा है। चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर केवल 250.85 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जो पिछले साल की समान अवधि के 378.30 लाख टन से 127.46 लाख टन कम है। चालू रबी विपणन सीजन में खाद्य मंत्रालय ने 440 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य किया था। रबी विपणन सीजन 2012-13 में एफसीआई ने 381.48 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की थी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 936.2 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2011-12 के रिकॉर्ड उत्पादन 948.8 लाख टन से कम है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: