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09 अक्तूबर 2013

'स्पॉट' ब्रोकरों से पूछा धन का स्रोत

नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) में 5,700 करोड़ रुपये के भुगतान संकट को लेकर सबसे ज्यादा शोर-शराबा मचा रहे निवेशकों पर अब आयकर विभाग ने शिकंजा कस लिया है। आयकर विभाग एनएसईएल के निवेशकों से पूछताछ कर रहा है। इस मामले की जांच में शामिल हुए आयकर विभाग का मानना है कि एक्सचेंज के जितने निवेशक बताए गए हैं उनमें से कुछ महज कागजों पर ही हैं यानी वे नकली हैं। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग ने स्टॉक ब्रोकरों से एनएसईएल के निवेशकों की जानकारी मांगी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि अपने ग्राहक को जानें नियमों का पालन किया गया है या नहीं। अधिकारी के अनुसार विभाग को लगता है कि घोटाले में फंसी एनएसईएल के निवेशकों की संख्या उसके द्वारा बताए गए 13,000 से काफी कम है। विभाग को यह संदेह एनएसईएल प्रबंधन के उस दावे से हुआ, जिसमें उसने कहा कि कई ब्रोकरों ने अपने खाते में से निवेश किया था। विभाग जानना चाहता है कि 14 से 16 फीसदी का प्रतिफल हासिल करने के लिए यह रकम 'बेनामीÓ तरीके से निवेश की गई या इसके लिए नकली निवेशक दिखाए गए। अधिकारी ने कहा, 'ब्रोकरों ने बाजार से पैसा उठाया होगा और नकली खातों के जरिये इन कारोबारों में निवेश किया होगा। हम जानना चाहते हैं कि निवेशक ने इस रकम पर कर चुकाया या नहीं या फिर वे इस तरीके से मनी लॉन्डरिंग कर रहे थे।Ó आनंद राठी कमोडिटीज की कार्यकारी निदेशक (जिंस एवं वायदा) प्रीति गुप्ता ने बताया, 'हमने विभाग को एनएसईएल के सभी निवेशकों की जानकारी दी है। हमने ग्राहक को जानें संबंधी नियमों का पालन किया है और यह रकम सही बैंक खातों के जरिये आई है।Ó एनएसईएल में निवेश करने वाले एक अन्य ब्रोकर ने बताया कि वे विभाग को अपने निवेशकों का पैन उपलब्ध करा चुके हैं। विभाग ने निवेशकों से पूछा है कि उन्होंने इस निवेश पर कर चुकाया है या नहीं। विभाग के इस कदम से उन निवेशकों की मुश्किल बढ़ सकती है, जिन्होंने इस रकम पर कर नहीं भरा है और शायद उन्हें ज्यादा कर भरना पड़े या फिर जुर्माना।

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