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25 अक्तूबर 2013

बेतहाशा मूल्य वृद्धि के बाद भी नहीं रुकेगा प्याज निर्यात

सरकार निर्यात नहीं रोकेगी लेकिन आयात के प्रयास होंगे : थॉमस भले ही घरेलू बाजार में प्याज उपभोक्ताओं को 100 रुपये प्रति किलो तक के रिकॉर्ड भाव पर मिल रही है, लेकिन सरकार इसके निर्यात लगाने के मूड में नहीं है। सरकार का कहना है कि खरीफ फसल के प्याज की आवक बढऩे से आगामी दस दिनों में कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसलिए सरकार प्याज के निर्यात पर रोक नहीं लगायेगी। सरकार मिस्र, चीन और पाकिस्तान से प्याज के आयात पर विचार कर रही है। नेफेड ने आयात के लिए निविदा भी आमंत्रित की है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में बेमौसमी बारिश से प्याज की नई फसल की आवक में हुई देरी से कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि प्याज के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से विचार-विमर्श हुआ है। खरीफ प्याज की आवक अक्टूबर महीने में बननी थी लेकिन असमय हुई बारिश से नई फसल की आवक में देरी हुई है। प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को बढ़ाकर सरकार पहले ही 900 डॉलर प्रति टन कर चुकी है जिससे निर्यात नहीं के बराबर हो रहा है। इसलिए सरकार प्याज के निर्यात पर रोक नहीं लगायेगी। कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) के प्रमुख संजीव चोपड़ा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सरकार ने सितंबर महीने में प्याज के एमईपी को बढ़ाकर 900 डॉलर प्रति टन कर दिया था जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज का भाव 450-500 डॉलर प्रति टन चल रहा है। एमईपी में बढ़ोतरी से पिछले दो महीनों से प्याज का निर्यात नहीं के बराबर हो रहा है। उन्होंने बताया कि औसतन हर महीने एक लाख टन प्याज का निर्यात होता है जबकि पिछले दो महीनों में केवल 19,000 टन का ही निर्यात हुआ। चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में प्याज के निर्यात में 28.48 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 7.16 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10 लाख टन का निर्यात हुआ था। संजीव चोपड़ा ने बताया कि सरकार मिस्र, चीन और पाकिस्तान से प्याज आयात की संभावनाएं तलाश रही है। नेफेड ने प्याज आयात के लिए निविदा आमंत्रित की है तथा 29 अक्टूबर को निविदा खुलेंगी। उन्होंने बताया कि आयात की मात्रा पर 29 अक्टूबर को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता और कीमतों के आंकलन के बाद ही निर्णय किया जायेगा। चालू खरीफ में प्याज की पैदावार बढऩे का अनुमान है तथा आगामी आठ-दस दिनों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से आवक बढऩे की संभावना है। वर्ष 2012-13 में प्याज की पैदावार 163 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2011-12 के 175 लाख टन से थोड़ी कम है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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