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14 नवंबर 2013

चालू वर्ष में 9 फीसदी बढ़ेगा कॉफी उत्पादन

देश का कॉफी उत्पादन वर्ष 2013-14 के दौरान 9 फीसदी बढ़कर 3,47,000 टन होने की संभावना है। पिछले साल उत्पादन 3,18,000 टन था। कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक कॉफी बोर्ड ने अरेबिका का उत्पादन 12.5 फीसदी बढ़कर 1,11,000 टन और रोबस्टा का उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़कर 2,36,000 टन होने का अनुमान जताया है। देश के कुल कॉफी उत्पादन में 75 फीसदी योगदान कॉफी प्लांटर्स एसोसिएशन का होता है। कॉफी उत्पादकों के समक्ष बहुत सी समस्याएं होने के बावजूद उत्पादन में यह बढ़ोतरी होगी। प्रमुख कॉफी उत्पादक देशों जैसे ब्राजील और वियतनाम की तुलना में देश में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता घट रही है। कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन निशांत आर गुर्जर ने बताया कि वियतनाम की उत्पादकता भारत से करीब 2.6 गुना ज्यादा है, जबकि ब्राजील की 1.5 गुना। भारत में उत्पादकता 850 किलोग्राम से घटकर 748 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर आ गई है। उन्होंने कहा, 'हमें बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। हम आज भी दो पीढिय़ों पहले की किस्में उगा रहे हैं और नई किस्मों के विकास के क्षेत्र में कोई खोज नहीं हुई है। नई किस्मों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है।Ó केपीए ब्राजील से दो जाने-माने विशेषज्ञों को ला रहा है, जो यह बताएंगे कि भारतीय कॉफी उत्पादक किस तरह मुनाफा कमा सकते हैं। गुर्जर ने कहा, 'हमें ऐसी किस्मों की जरूरत है, जो तने को काटने वाले कीड़ों के प्र्रति प्रतिरोधक हों और बेहतर उत्पादन दें। उदाहरण के लिए पिछले 25 वर्षों में ब्राजील के उत्पादकों ने शोध में भारी निवेश किया है और वहां उत्पादकता करीब तीन गुना बढ़ गई है।Ó गुर्जर ने कहा, 'उर्वरकों की किल्लत है, इसलिए हमने राज्य सरकार से रसायनों, उर्वरकों, पोषक तत्वों, कृषि उपकरणों और प्लांटेशन पर वैट माफ करने का आग्रह किया है, क्योंकि इससे हम पर बोझ कम होगा। (BS HIndi)

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