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07 नवंबर 2013

घटे दाम पर गेहूं निर्यात की बढ़ी आस

अनाज की खरीद और प्रबंधन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) प्रस्तावित 20 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए आधार कीमत में 40 डॉलर की कटौती कर संशोधित निविदा 15 नवंबर को जारी करेगी। इस साल अगस्त में एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी द्वारा जारी पहली निविदा में आधार कीमत 300 डॉलर प्रति टन तय की गई थी, लेकिन खुले बाजार में नीची कीमतों के चलते इसमें आयातकों ने हिस्सा नहीं लिया। यह कीमत पिछले साल निर्यातित 42 लाख टन गेहूं की औसत कीमत प्राप्ति के समान रखी रखी गई थी। इस निविदा के लिए एफसीआई एकमात्र आपूर्तिकर्ता एजेंसी थी। अगस्त में बेंंचमार्क शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) में गेहूं का भाव करीब 235 डॉलर प्रति टन था। वैश्विक बोलीदाताओं ने निविदा के लिए 240 से 260 रुपये प्रति टन की कीमत लगाई थी। इसके नतीजतन पिछले महीने के अंत में मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने गेहूं निर्यात के लिए आधार कीमत को घटाकर 260 डॉलर प्रति टन करने का फैसला लिया। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हालांकि यह कीमत स्तर भी आकर्षक नहीं है। लेकिन इसे स्वीकार करने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है। यह कीमत ईजीओएम ने तय की है।Ó चालू वित्त वर्ष में गेंहू की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव रहा है। 30 अप्रैल को सीबीओटी में कीमत 265.17 डॉलर प्रति टन के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी, जबकि 13 अगस्त को गेहूं का नजदीकी माह में डिलिवरी का अनुबंध गिरकर 230.82 डॉलर प्रति टन पर आ गया था। बाद में 18 अक्टूबर को गेहूं की कीमत बढ़कर 259.29 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गई और आज इसका भाव 242.10 डॉलर प्रति टन रहा। वर्तमान कीमत रुपये के लिहाज से 15,085 रुपये प्रति टन या 1508.50 रुपये प्रति क्विंटल बैठती है, जबकि नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में इस महीने के अंत में डिलिवरी के अनुबंध का भाव 1,626 रुपये प्रति क्विंटल है। इस कोशिश को सफल बनाने के लिए एफसीआई गेहूं की विशेष सफाई पर ध्यान दे रहा है, ताकि गेहूं की अच्छी कीमत मिल सके। एक अधिकारी ने कहा, 'हालांकि हम मशीन से साफ हुए गेहूं की खरीद करते हैं। लेकिन हम ज्यादा कीमत लेने की खातिर इसकी गुणवत्ता सुधारने के लिए इसकी फिर से सफाई कर रहे हैं।Ó एफसीआई पिछले साल 42 लाख टन गेहूं के निर्यात में सफल रहा था और उसे सीबीओटी की उस समय की कीमतों से 50 डॉलर प्रति टन ज्यादा कीमत मिली थी। निर्यात के पहले लॉट के लिए आरक्षित कीमत 228 डॉलर प्रति टन तय की गई थी, जिसे दूसरे लॉट में 30 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए बढ़ाकर 300 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। लेकिन इस साल माहौल अलग है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक गेहूं उत्पादन 7 फीसदी बढ़कर 70.5 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। साथ ही वैश्विक स्तर पर गेहूं का स्टॉक बढकर 16.33 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है, जो इस साल की शुरुआत से 5.2 फीसदी ज्यादा है। रोचक बात यह है कि जब नई निविदा का निर्यात हो रहा होगा, तब तक 2014 में अमेरिका, भारत और यूरोप में शीतकालीन फसलों की बुआई की स्थिति साफ हो चुकी होगी। एफएओ ने अमेरिका और यूरोप में गेहूं का रकबा बढऩे का अनुमान जाहिर किया है, लिहाजा उत्पादन में आनुपातिक बढ़ोतरी की संभावना है। वहीं, रॉयटर्स ने गेहूं की कीमतें 239 डॉलर प्रति टन के आसपास रहने का अनुमान जाहिर किया है। इंडिया पल्सेज ऐंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने कहा, 'भारत को सुदूर पूर्व, खाड़ी और पूर्वी अफ्रीकी देशोंं को कम मालभाड़ा लागत पर आपूर्ति करने में अपनी भौगोलिक स्थिति का फायदा मिलता है। (BS Hindi)

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