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21 दिसंबर 2013

टूट रहा है सोना, और कितना होगा सस्ता

पिछले 13 साल में पहली बार नेगेटिव रिटर्न देने जा रहे है सोने का आगे का आउटलुक भी खराब है। दुनिया भर के जानकारों का यही मानना है कि सोने में कम से कम अगला साल भी गिरावट भरा रह सकता है। साफ है कि सोना गिरावट दिखा सकता है और सस्ता हो सकता है लेकिन कितना, सबके जेहन में यही सवाल है। इसी सवाल का जवाब जानने के लिए सीएनबीसी आवाज़ लेकर आया है खास पेशकश सोना होगा सस्ता। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि सोने का भाव और घट सकता है। उनके मुताबिक 2014 तक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1050 डॉलर तक फिसल सकता है। यानी एक साल के अंदर सोने की कीमत में मौजूदा स्तर से करीब 12 फीसदी की गिरावट आ सकती है। गोल्डमैन सैक्स ने फिर से आगाह किया है अमेरिकी इकोनॉमी में सुधार की वजह से सोने में गिरावट देखी जाएगी। दूसरी ओर साल 2000 से लगातार चढ़ने वाला सोना, निवेश कम होने की वजह से इस साल गिरावट झेलने वाला है। वायदा बाजार में भी रुझान गिरावट का ही है। अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ऐलान के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 6 महीने के निचले स्तर पर बना हुआ है। कॉमेक्स पर ये 1190 डॉलर का निचला स्तर भी छू चुका है। इस हफ्ते इसकी कीमतों में करीब 4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं घरेलू बाजार में भाव 28500 रुपये के नीचे फिसल गए हैं। पैराडाइम कमोडिटीज के सीईओ बीरेन वकील का कहना है कि अगर सोना 1177 डॉलर प्रति औंस का स्तर तोड़ता हैं तो सोने में भारी गिरावट आ सकती है। जनवरी के पहले हफ्ते में सोने में ज्यादा स्पष्टता देखने को मिल सकती है। अगर सोने में सालाना क्लोजिंग 1180 डॉलर के नीचे आती है तो वित्त वर्ष 2014 की आखिरी तिमाही में सोने में 1045 डॉलर तक के निचले स्तर भी देखे जा सकते हैं। एंजेल कमोडिटीज के एसोसिएट डायरेक्टर नवीन माथुर का कहना है कि सोने में लगातार बढ़ती गिरावट को देखते हुए आगे चलकर 1100-1000 डॉलर तक के स्तर देखने को मिल सकते हैं। फेड ने टेपरिंग शुरु कर दी है और इसकी वजह से डॉलर मजबूत होगा। साथ ही अमेरिकी इकोनॉमी भी सुधर रही है जिससे डॉलर को सहारा मिलेगा। अगर डॉलर मजबूत होता है तो सोना कमजोर होगा। निवेशकों को सोने की मांग में कमी देखने को मिलेगी। पिछले 1 साल से गोल्ड ईटीएफ की मांग में भी कमी ही देखने को मिली है। इन सब से साफ है कि 2014 में भी सोने में गिरावट का ही रुझान देखने को मिलेगा। बॉम्बे ज्वेलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट कुमार जैन का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पूंजी में कमी करने के चलते सोने में गिरावट ही देखी जाएगी। इसके अलावा देश में सोने में पिछले 3 साल से दाम 29000-30000 रुपये के बीच ही रहा है। देश में सोने में निवेश करने वाले लोगों में निराशा है। अगर देश में इंपोर्ट ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी का यही हाल रहा तो आगे चलकर सोने में और गिरावट आ सकती है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले 4 महीने में घरेलू बाजार में सोना 26,000 रुपये तक जा सकता है। (Hindi>moneycantorl.com)

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