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03 जनवरी 2014

देर से पेराई का चीनी पर असर

पेराई के लिए मिलों के देर से चालू होने के कारण चालू चीनी वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) के पहले तीन महीनों के दौरान चीनी उत्पादन 29 फीसदी गिरा है। चीनी उद्योग की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल उत्पादन 57.4 लाख टन रहा है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 80.3 लाख टन था। हालांकि चीनी मिलों ने चालू सीजन के उत्पादन में संभावित गिरावट टालने के लिए पेराई तेज की है। चालू चीनी वर्ष में 15 दिसंबर तक उत्पादन 50 फीसदी कम था। इस सीजन में देशभर की चीनी मिलों ने नवंबर के अंतिम सप्ताह से गन्ने की पेराई शुरू की थी, जो सामान्य पेराई सीजन से दो सप्ताह देर थी। इसका कारण चालू वर्ष के लिए गन्ने की कीमतें तय करने को लेकर सरकार और उद्योग के बीच बना हुआ गतिरोध था। राज्य सरकारों उद्योग द्वारा किसानों को चुकाई जाने वाली गन्ने की न्यूनतम कीमत तय करती हैं, जिसे राज्य परामर्शी मूल्य (एसएपी) कहा जाता है। यह केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाने वाले उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) से ज्यादा होता है। राज्य सरकारों के इस कदम का मिलें विरोध करती हैं क्योंकि चीनी से होने वाली आमदनी इसकी लागत से कम होती है। इस्मा ने कहा है कि धीमी शुरुआत के बाद दिसंबर के अंत में गन्ने की पेराई में तेजी आई और 31 दिसंबर तक 476 मिलों ने सीजन 2013-14 के लिए पेराई शुरू कर दी थी। हालांकि पेराई शुरू करने वाली मिलों की संख्या पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 23 कम है। फिर भी ऐसा लग रहा है कि चीनी उत्पादन पिछले साल का रुझान पकड़ रहा है। पेराई के मामले में महाराष्ट्र अव्वल रहा है। राज्य में अब तक 2.17 करोड़ टन गन्ने की पेराई हो चुकी है और यहां इस साल अब तक 154 चीनी मिलों ने पेराई चालू कर दी है। पिछले साल इस समय तक 161 मिलें चालू हो चुकी थीं, जिन्होंने करीब 2.78 करोड़ टन गन्ने की पेराई की थी। महाराष्ट्र में इस साल अब तक 22.1 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 29.1 लाख टन था। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 11.3 लाख टन रहा है और राज्य में 119 मिलें पेराई कर रही हैं। राज्य में 1.28 करोड़ टन गन्ने की पेराई हुई है और रिकवरी 8.75 फीसदी रही है। राज्य में पिछले साल इस समय तक 122 चीनी मिलों ने पेराई चालू कर दी थी। राज्य में इस साल चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में 42 फीसदी कम हुआ है। कर्नाटक मे चीनी उत्पादन 1.2 लाख टन और आंध्र प्रदेश में 2.5 लाख टन रहा है। इस्मा का अनुमान है कि इस साल चीनी उत्पादन लगभग पिछले साल जितना 2.5 करोड़ टन रहेगा। (BS Hindi)

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