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22 फ़रवरी 2014

ऑटो उद्योग में प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग बना वरदान

देश के ऑटो उद्योग में प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग प्लास्टिक इंडस्ट्री के लिए वरदान साबित हो रहा है। कार निर्माण में बढ़ते प्लास्टिक उत्पादों से अनुमान है कि भविष्य में कारों के निर्माण में 50 फीसदी तक प्लास्टिक के उत्पादों का उपयोग किया जाने लगेगा। यह बात शुक्रवार को प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष सुभाष कडकिया ने कही। उन्होंने बताया कि दिल्ली के प्रगति मैदान में 5 से 10 फरवरी २०१५ को ९वें प्लास्टइंडिया एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सहयोग से इसका आयोजन होगा। इसमें 40 देशों के 2,000 डेलीगेट के साथ ही करीब 1,50,000 लोगों के भाग लेने की संभावना है। फैडरेशन का मुख्य उद्देश्य भारत में प्लास्टिक उद्योग के विकास को बढ़ावा देना है। प्रिसिजन पाइप्स एंड प्रोफाइल्स कंपनी के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अजय जैन ने कहा कि ऑटो उद्योग के लिए प्लास्टिक अब सिर्फ विकल्प नहीं रह गया है, बल्कि यह पसंदीदा मैटेरियल बन गया है। अल्युमिनियम की तुलना में 3 गुना और शीट मेटल की तुलना में 7 गुना हल्का होने के साथ ही यह नियामक, फंक्शनल और पर्यावरण जरूरतें पूरी करता है। बम्पर, डेशबोर्ड, फेंडर और बॉडी ट्रिम में प्लास्टिक का खूब उपयोग हो रहा है। सिलेंडर कवर हेड, एयर डक्ट, ऑयल पेन्स और रिइनफोस्र्ड टायर ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्लास्टिक परंपरागत शीट मेटल एवं एल्युमिनियम पार्ट का स्थान ले रहा है। ईंधन टैंक और बैटरी बॉक्स बनाने में मेटल के स्थान पर प्लास्टिक का उपयोग किए जाने से कंपोनेंट का वजन क्रमश: 40 से 70 फीसदी तक घटा है, जिससे ईंधन की ज्यादा बचत हो रही है। यही वजह है कि प्लास्टिक कंपोनेंट का उपयोग ऑटो सेक्टर में बढ़ रहा है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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