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18 मार्च 2014

एक्सचेंज की अब तक की दिक्कतों की कहानी

जब पहली बार एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स-एसएक्स) अस्तित्व में आया था, तब इसे मुद्रा एक्सचेंज माना गया था। 21 जुलाई 2008 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को भेजे अपने पहले आवेदन में यह 'एमसीएक्स करेंसी एक्सचेंज लिमिटेड' के नाम से एक नया एक्सचेंज स्थापित करना चाहता था, जो केवल मुद्रा वायदा सेगमेंट ही कारोबार करना चाहता था। संयोग से इसी दिन नियामक के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में 1982 बैच के आईएएस अधिकारी केएम अब्राहम ने पदभार संभाला। नियामक के चेयरमैन सीबी भावे खुद को इस पद पर आए महज 5 महीने हुए थे, जिन्होंने उस साल फरवरी में पदभार संभाला था। इसके बाद सेबी ने एमसीएक्स के साथ 29 जुलाई, 2008 को बैठक की थी। एक दिन बाद एमसीएक्स ने नाम बदलकर 'इंडियन एक्सचेंज लिमिटेडÓ कर दिया। सेबी की फाइलों से पता चलता है कि एक्सचेंज के संचालन को नियंत्रित करने वाले प्रतिभूति अनुबंध नियमन अधिनियम (एससीआरए) में एक कानूनी अड़चन की वजह से नाम में बदलाव किया गया। हालांकि आरबीआई-सेबी की तकनीकी समिति ने इसकी रूपरेखा तैयार कर भारत में एक्सचेंज आधारित मुद्रा कारोबार को स्वीकृति दी, लेकिन इस नई अवधारणा के लिए कोई प्रावधान नहीं था। बिज़नेस स्टैंडर्ड को सूचना के अधिकार (आरटीआई) तहत मिली सूचना से पता चलता है कि हालांकि वर्तमान स्टॉक एक्सचेंज इस सेगमेंट को अपने लाइसेंसों में अतिरिक्त शामिल कर सकते थे, लेकिन कानून में नए मुद्रा एक्सचेंज का प्रावधान नहीं था। इस तरह सेबी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य कर रहा था। बहुत से मसले उठे और इन पर बहस हुई। एमसीएक्स का वर्तमान नाम 'एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज' आखिर 6 अगस्त, 2008 को सामने आया, जब एक्सचेंज ने एक पत्र के जरिये सेबी को यह जानकारी दी। समूह के स्पॉट एक्सचेंज को 'नैशनल' नाम देने वाले रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने इस बार कहा कि 'इंडियन' नाम उपलब्ध नहीं है। सेबी के नोट में कहा गया है, 'एससीआरए में 'करेंसी एक्सचेंज' को मान्यता देने का कोई प्रावधान नहीं है और सेबी एससीआरए की धारा खंड 4 (1) के तहत किसी स्टॉक एक्सचेंज को ही मान्यता दे सकता है, इसलिए एमसीएक्स ने स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा है और इसने शुरुआती चरण में ही मुद्रा वायदा शुरू करने की मंजूरी मांगी है। समूह के परिसरों में आयकर छापे के संबंध में बैठक के दो दिन बाद एमसीएक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कानूनी एवं सेक्रेटेरियल) थॉमस आर फर्नाडिंस ने हलफनामा सौंपा था। इस हलफनामे में कहा गया है, '19 जून, 2007 को एमसीएक्स की प्रवर्तक एमसीएक्स और एफटीआईएल में आयकर (आईटी) अधिनियम की धारा 1321 और 133ए के तहत जांच, जब्ती और सर्वे की कार्रवाई की गई थी। छापे के दौरान एमसीएक्स के परिसरों से आयकर अधिकारियों द्वारा कुछ दस्तावेज, कंप्यूटर सीडी और रिकॉर्ड जब्त किए गए थे।' (BS Hindi)

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