कुल पेज दृश्य

22 मार्च 2014

चीनी में निवेश कर काटें मुनाफा

आर एस राणा : नई दिल्ली... | Mar 22, 2014, 00:04AM IST 7.6% की तेजी चीनी की कीमतों में आई चालू महीने के दौरान वायदा बाजार में 400-450 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ हाजिर बाजार में चीनी की कीमतों में उत्पादन अनुमान में कटौती के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा रॉ-शुगर के निर्यात पर इनसेंटिव देने से चीनी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। वायदा बाजार में चालू महीने में ही इसकी कीमतों में 7.6 फीसदी की तेजी आ चुकी है। हाजिर बाजार में महीने भर में चीनी की कीमतों में 400 से 450 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 3,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। गर्मियों का सीजन शुरू हो रहा है जिससे आगामी दिनों में बड़े खपत उद्योगों की चीनी की मांग बढ़ेगी। ऐसे में निवेशक मौजूदा कीमतों पर चीनी में निवेश करके मुनाफा कमा सकते हैं। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में चीनी की कीमतों में 7.6 फीसदी की तेजी आकर शुक्रवार को भाव 3,055 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार करते देखे जबकि पहली मार्च को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में इसका भाव 2,839 रुपये प्रति क्विंटल था। एग्री विश्लेषक अभय लाखवान ने बताया कि गर्मियों का सीजन शुरू हो रहा है जिससे चीनी में बड़े खपत उद्योगों की मांग बढ़ जायेगी। वैसे भी उद्योग ने चीनी उत्पादन अनुमान में12 लाख टन की कटौती कर दी है। ऐसे में निवेशक चीनी में मौजूदा कीमतों पर निवेश करके मुनाफा कमा सकते हैं। एसएनबी इंटरप्राइजेज के प्रबंधक सुधीर भालोठिया ने बताया कि चालू पेराई सीजन में उद्योग ने पहले 250 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था लेकिन अब अनुमान को घटाकर 238 लाख टन कर दिया है। केंद्र सरकार चीनी मिलों को रॉ-शुगर के निर्यात पर 333 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दे रही है जिससे घरेलू बाजार में चीनी कीमतों में तेजी आई है। आगामी पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन अनुमान में और भी 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है, साथ ही गर्मियों का सीजन शुरू होने आगामी दिनों में चीनी में बड़े उपभोक्ताओं की मांग बढ़ेगी। ऐसे में आगामी दिनों में चीनी की मौजूदा कीमतों में ओर भी 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। शुक्रवार को दिल्ली में चीनी की थोक कीमतें बढ़कर 3,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई जबकि फरवरी महीने में इसके भाव 3,000 से 3,100 रुपये क्विंटल थे। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2013-14 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान 15 मार्च तक देश में 193.8 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 211 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। कुल उत्पादन अनुमान पहले के 250 लाख टन से घटकर 238 लाख टन होने का अनुमान है लेकिन अक्टूबर में पेराई सीजन के शुरू में करीब 80 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक भी था। देश में चीनी की सालाना खपत करीब 225 से 230 लाख टन की होती है। कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा ही है। चीनी के थोक कारोबारी पी आर गर्ग ने बताया कि महीने भर में यूपी में चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतें 2,800 रुपये से बढ़कर 3,200 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल गई है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा रॉ-शुगर के निर्यात पर मिलों को इनसेंटिव देने की अधिसूचना के बाद से अभी तक करीब 4 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात सौदे हो चुके हैं। रॉ-शुगर के निर्यात का फायदा महाराष्ट्र और कर्नाटक की मिलों को ज्यादा मिल रहा है, यूपी की मिलों को इसका अप्रत्यक्ष फायदा हो रहा है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: