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18 मार्च 2014

एमसीएक्स-एसएक्स जुटाएगा धन

एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स-एसएक्स) ने घोषणा की है कि वह नए निवेशकों से धन जुटाकर अपनी कुछ पूंजी जरूरत पूरी करने पर विचार कर सकता है। इसका फैसला इस महीने के अंत में राइट्स इश्यू समाप्त होने के बाद लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कंपनी 500 करोड़ रुपये की ताजा पूंजी जुटाने के लक्ष्य में से 300 करोड़ रुपये वर्तमान निवेशकों से राइट्स इश्यू के जरिये और शेष 200 करोड़ रुपये नए निवेशकों से जुटाने की योजना बना रही है। एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, 'राइट्स इश्यू पटरी पर है और बहुत से शेयरधारकों ने इसमें हिस्सा लेने के लिए हामी भरी है।' एक्सचेंज के मुख्य शेयरधारकों में आईएफसीआई (13.2 फीसदी), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (11.47 फीसदी) और आईएलऐंडएफएस फाइनैंशियल सर्विसेज (9.18 फीसदी) शामिल हैं। अन्य शेयरधारकों में एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। बयान में कहा गया है, 'राइट्स इश्यू का नतीजा चालू महीने के अंत तक इसकी समाप्ति के बाद सार्वजनिक कर दिया जाएगा। हमें नए निवेशकों से अभिरुचि पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) मिले हैं और अगर राइट्स इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाता है तो एक्सचेंज राइट्स इश्यू की समाप्ति के बाद तरजीही आवंटन कर सकता है।' फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिस इंडिया लिमिटेड (एफटीआईएल) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) की एमसीएक्स-एसएक्स में 5 फीसदी हिस्सेदारी और वारंट हैं, जिनको अगर संयुक्त रूप से मिलाया जाए तो यह एक्सचेंज में 70 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। उन्हें प्रवर्तक से सार्वजनिक शेयरधारकों में फिर से वर्गीकृत किया गया है और कहा जा रहा है कि वे एमसीएक्स-एसएक्स में हिस्सेदारी बेचेंगे। शेयरधारकों ने इस आधार पर शुरुआती शेयर कीमत में कटौती का सुझाव दिया था कि एक्सचेंज को मुनाफा नहीं हो रहा है और इसके करेंसी सेगमेंट में कारोबार की मात्रा घट रही है। हालांकि कहा जा रहा है कि एक्सचेंज को इस बात की पूरी उम्मीद है कि अगर पिछले साल मुद्रा कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाते हैं तो कारोबारी मात्रा में इजाफा होगा। एक्सचेंज ने हाल में ब्याज दर वायदा कारोबार शुरू किया है। पिछले वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में एक्सचेंज को 31.5 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था, जबकि चालू वर्ष में 140.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बोर्ड अपनी बैलेंस शीट को बढ़ाने के लिए लागत में कटौती की योजना बना रहा है। एक्सचेंज द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान बोर्ड लागत को तर्कसंगत बनाने में काफी हद तक सफल रहा है। हमें पूरा भरोसा है कि करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए नीतिगत सुधारों से कारोबारी मात्रा में इजाफा होगा, जिसेस बैलेंस शीट में भी सुधार आएगा।' (BS Hindi)

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